मुख्यमंत्री योगी ने कहा, उत्तराधिकार व वसीयत का नामांतरण शुल्क 5000 रुपये तक करें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल एवं घर का मलबा सड़कों पर रखनेे वालों से आयकर विभाग के कॉस्ट इंप्लेशन इंडेक्स के आधार पर शुल्क वसूलने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आयकर के कास्ट इंडेक्स के आधार पर शुल्क को पुनरीक्षित करते हुए वसूली की व्यवस्था बनाई जाए। इसी प्रकार उत्तराधिकार या वसीयत से संबंधित नामांतरण शुल्क की अधिकतम सीमा 5000 रुपये तक करने के भी निर्देश दिए हैं। वह मंगलवार को आवास विभाग द्वारा तैयार विभिन्न नियमावलियों और विकास प्राधिकरणों के कार्यकलापों का प्रस्तुतीकरण देख रहे थे।
उन्होंने लखनऊ को मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।
सभी प्राधिकरणों में एक समान हो जल शुल्क
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विकास प्राधिकरणों द्वारा निवासियों से जल शुल्क लेने की व्यवस्था की जाए। अधिकांश विकास प्राधिकरणों में जल शुल्क नहीं लिया जा रहा है। कुछ विकास प्राधिकरणों जैसे लखनऊ व वाराणसी अपने स्तर पर निर्धारित शुल्क पर जल शुल्क ले रहे हैं। इसके लिए जल शुल्क नियमावली बनाई जाए। जहां कोई भूमि व भूखंड विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित योजना के बाहर हो या जहां प्राधिकरण जलापूर्ति करने में असमर्थ हो, वहां जल शुल्क कत्तई न लिया जाए।
दो माह में शुरू करें लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण
सीएम ने लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर का काम दो माह में शुरू करने का निर्देश दिया। लखनऊ में गोमती नदी के दोनों तटों और नैमिषारण्य अतिथि भवन के आसपास कुछ झुग्गी बस्तियां हैं। इनका चिह्नीकरण यहां के निवासियों का व्यवस्था कराई जाए। नियमानुसार इन्हें पीएम आवास, शौचालय आदि शासकीय योजनाओं से जोड़ा जाना चाहिए। यह कार्य जल्द से जल्द करा लिया जाए। बटलर झील को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाए।