न्यूज़ वाणी
फिरोज अली की रिपोर्ट
गुरु पूर्णिमा पर्व : शिष्यों ने गुरुजनों की पूजा-अर्चना कर परंपरा का किया निर्वहन
👉 गुरु: ब्रह्मा गुरु: विष्णु गुरु: देवो महेश्वरा: गुरु साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः
👉 समूचे जनपद के विभिन्न आश्रमों में हुआ भंडारे का आयोजन
फतेहपुर। वैसे तो भारतीय संस्कृति में गुरु का विशेष महत्व है और गुरु को सनातन संस्कृति के अनुसार सर्वश्रेष्ठ की संज्ञा दी जाती है। कहते हैं एक व्यक्ति के जीवन में उसकी प्रथम गुरु मां होती है, दूसरा पिता होता है और तीसरा स्थान उस व्यक्ति को दिया जाता है जो मानव को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का सामर्थ्य रखता हो और उसे सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हुए उसके उज्जवल भविष्य के लिए राह आसान बना सके। हिंदू संस्कृति के अनुसार इसी महत्व को बरकरार रखने के लिए प्रत्येक वर्ष गुरु पूर्णिमा पर्व बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के साथ समूचे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस दिन गुरुकुल एवं आश्रमों में गुरु शिष्य की परंपरा का निर्वहन करने के लिए कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिससे यह परंपरा बरकरार रहे। सनातन संस्कृति के मुताबिक गुरु को “गुरु: ब्रह्मा गुरु: विष्णु गुरु: देवो महेश्वरा: गुरु साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः” का दर्जा प्रदान किया गया है। इसी कड़ी में फतेहपुर जनपद में स्थापित विभिन्न गुरुकुलो एवं आश्रमों में गुरु पूर्णिमा पर्व पर कार्यक्रम आयोजित कर गुरु-शिष्य की परंपरा का निर्वहन करते हुए शिष्यों ने गुरुओं की पूजा-अर्चना करने के पश्चात आशीर्वाद प्राप्त किया। शहर के नउवाबाग गोपाल नगर स्थित राधा वाटिका में प्रदेश के पूर्व न्याय मंत्री राधेश्याम गुप्त ने गुरु स्व. स्वामी मूलानंद जी की प्रतिमा का विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना के पश्चात भंडारे का आयोजन किया जिसमें प्रत्येक वर्ष की भांति हजारों की संख्या में पहुंचे संतों एवं श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। पूर्व मंत्री ने भंडारे में आए साधु संतों को अंग वस्त्र प्रदान करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। साधु संतों की सेवा सत्कार में पूर्व मंत्री के पुत्र गोपाल गुप्ता व विधायक विकास गुप्ता बबलू पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ जुटे रहे। इसी प्रकार शहर के नासिर पीर रोड स्थित बाबा भूतनाथ आश्रम में आशुतोष सिंह, अनिमेष सिंह, राजेंद्र सिंह व दयाशंकर आदि भक्तों ने विधि विधान पूर्वक बाबा भूतनाथ की पूजा अर्चना करने के पश्चात आशीर्वाद ग्रहण किया। इसके अलावा जनपद के विभिन्न आश्रमों में गुरु पूर्णिमा पर्व पूरे श्रद्धा एवं विश्वास के साथ आयोजित कर गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में शिष्य व श्रद्धालु एकत्र हुए और गुरुओं की पूजा-अर्चना व सेवा-सत्कार कर उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद प्राप्त किया।