खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद बाजार में लगभग सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। अमूल और पराग ने जहां दूध, दही, छाछ की कीमतें बढ़ा दी हैं वहीं अब आम आदमी की पहुंच वाला चाट, समोसा, चाय और कचौड़ी की कीमतें भी बढ़ गई हैं।
महंगाई से आम आदमी पहले से ही परेशान था लेकिन 18 जुलाई से चावल, आटा, मैदा, सूजी, दूध, दही, छाछ, लस्सी और रोजमर्रा की इस्तेमाल होने वाली जरूरी वस्तुओं में जीएसटी लगने से महंगाई का बोझ और बढ़ गया है।
जीएसटी लगने से चावल, आटा, मैदा, सूजी, दूध, दही, छाछ, लस्सी और रोजमर्रा की इस्तेमाल होने वाली जरूरी वस्तुओं कीमतें बढ़ गई हैं। शहर के साधारण बाजार में चाट की दुकान पर नई रेट लिस्ट लगा दी गई है। आठ से नौ रुपये में मिलने वाली कचौड़ी 12 रुपये में बिक रही है।
आठ वाली चाय दस रुपये में, समोसा भी आठ से दस रुपये में बिक रहा है। ठेलों पर बिकने वाली पूड़ी से लेकर कमला नेहरू पार्क के पास लगने वाली दुकानों पर बिकने वाली चाउमीन, पिज्जा, बर्गर आदि के भी दाम दो से तीन रुपये बढ़ा दिए गए हैं।
मंडी में महंगा हुआ आटा और अनाज
जीएसटी लगने का असर मंगलवार को बाजार में दिखा। शहर के गल्ला मंडी में 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला सामान्य चावल 30 से 32 रुपये प्रतिकिलो बिका। सौ रुपये प्रतिकिलो के आसपास मिलने वाली अरहर की दाल 110 से 115 रुपये प्रतिकिलो बिक रही है। आटा व अन्य अनाजों के पैकेट भी पांच से दस रुपये महंगे हो गए हैं।
सामान्य आटे का पांच किलो का पैकेट 170 से 190 रुपये पहुंच गया है। गल्ला व्यवसायी राम कुमार के अनुसार 18 जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद अनाज की मंडी में तेजी आई है। पैकेट बंद सामान अभी तक पुराने रेट के हिसाब से मिल रहे हैं मगर जल्द ही नए रेट में पैकेट बाजार में आ जाएंगे।