नाबालिग लड़की के हॉर्न नहीं सुनने पर बेजुबान युवक की गला रेत कर हत्या  

 

रायपुर के कंकाली पारा इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग लड़की के हॉर्न बजाने पर युवक ने साइड नहीं दिया तो उसने गुस्से में आकर युवक की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद नाबालिग फरार हो गई। आइए आपको बताते हैं कि क्या था पूरा मामला और नाबालिग लड़की राह चलते किसी की हत्या करती है तो उसे किन घाराओं के तहत सजा हो सकती है।

सुन-बोल नहीं सकता था व्यक्ति, मां के गिरने पर आया गुस्सा

पुलिस के अनुसार व्यक्ति की पहचान सुदामा के तौर पर हुई है और वो सुन-बोल नहीं सकता था। लड़की स्कूटी से अपनी मां के साथ कहीं जा रही थी। तभी एक गली में सुदामा, जो कि साइकिल से था, लड़की के स्कूटी के आगे पड़ गया। लड़की ने संकरे रास्ते में हॉर्न बजाकर सुदामा से हटने को कहा, लेकिन सुदामा को हॉर्न की आवाज सुनाई नहीं दी।

इतने में लड़की के स्कूटर का बैलेंस बिगड़ा और उसकी मां गिर पड़ी। लड़की को गुस्सा आया और उसने स्कूटी की डिग्गी से चाकू निकाला और निर्दोष व्यक्ति की गला रेत कर हत्या कर दी।

शहर छोड़ भागने के फिराक में थी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

सुदामा और लड़की एक ही मोहल्ले में रहते थे। वारदात के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि युवती शहर से बाहर भागने की कोशिश में है। पुलिस ने कुछ ही देर में लड़की को ट्रेस कर जीई रोड के हाईवे पर उसे पकड़ लिया। लड़की से पूछताछ करने पर पता चला कि युवती इससे पहले भी मारपीट के कुछ मामलों में शामिल रही है। वो हमेशा अपने साथ चाकू लेकर घूमती थी। पुलिस का दावा है कि लड़की नाबालिग है।घटना के बाद पुलिस ने लड़की के माता-पिता से भी पूछताछ की।

क्या होता है हिट एंड रन केस

सबसे पहले ये समझ लीजिए कि हिट एंड रन केस क्या होता है। किसी कार की सड़क पर दुर्घटना होती है तो उस दुर्घटना स्थल पर रुके बिना वहां से भाग जाना को हिट एंड रन कहा जाता है। कार का एक्सीडेंट किसी ऐसी चीज से होता है जो सड़क पर स्थित होती है या फिर किसी विवाद पर एक व्यक्ति की हत्या पर भी मामला हिट एंड रन केस में दर्ज होता है।

दुर्घटना के बाद अगर कोई अपनी पहचान छिपाने के मकसद से दुर्घटना स्थल से फरार हो जाता है। ऐसे में आरोपी के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है।

हिट एंड रन को लेकर क्या है सजा का प्रावधान

ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ मामला दो श्रेणी में दर्ज किया जा सकता है। पहला सेक्शन 279 और दूसरा आईपीसी 304(ए) और इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 134ए, 134बी के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।

हिट एंड रन केस में दोषी पाए जाने पर धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या के तहत 10 साल की जेल हो सकती है। धारा 279 के तहत लापरवाह ड्राइविंग के चलते छह महीने की जेल हो सकती है। धारा 337, 338 के तहत दूसरों की जिंदगी को खतरे में डालने के लिए 2 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा संगीन मामलों में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत भी मामला दर्ज कर सकती है। जिसमें आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होता है और इसमें आरोपी को उम्रकैद या फांसी भी हो सकती है।

नाबालिग को भी मिल सकती है उम्रकैद की सजा

अब 16 से 18 साल के बच्चे की उम्र देखकर नहीं बल्कि अपराध के मद्देनजर रखते हुए सजा सुनाने का प्रावधान चुका है। पहले नाबालिग कोई अपराध करता था तो ऐसे केसों की सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक की सजा देने का प्रावधान रखा गया था। मगर, अब जस्टिस जुवेनाइल एक्ट 2015 में हुए संशोधन के तहत नाबालिग अपराधी को भी उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकती है

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