समर्पित भूमिजा फाउंडेशन एवं एकलव्य फाउंडेशन के तत्वावधान में कारगिल विजय दिवस का आयोजन

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समर्पित भूमिजा फाउंडेशन एवं एकलव्य फाउंडेशन के तत्वावधान में कारगिल विजय दिवस का आयोजन

ब्यूरो संजीव शर्मा

 इटावा जल जीव जंगल जीवन के लिये समर्पित भूमिजा फाउंडेशन एवं एकलव्य फाउंडेशन के तत्वावधान में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर संस्थापक रवीन्द्र चौहान, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी राहुल तोमर, समाजसेवी प्रशान्त जैन, शायर यासीन अन्सारी, खिलाड़ी वीरेन्द्र यादव ने देश के लिये शहीद हुए वीर योद्धाओं को नमन करते हुए श्रद्धांजलि शहीद स्मारक में पुष्प अर्पित कर दी। संस्थापक व फिल्मकार रवीन्द्र चौहान ने कहा प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को उन वीर शहीदों की याद में मनाया जाता है जो कारगिल के युद्ध में अपने शौर्य और वीरता का प्रदर्शन करते हुए खुशी-खुशी वीरगति को प्राप्त हो गए थे। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने लगभग दो महीनों तक भारतीय सेना ने पूरे साहस जो जांबाजी के साथ युद्ध न केवल लड़ा बल्कि इस युद्ध में विजय भी प्राप्त की। इस युद्ध को 26 जुलाई तक लड़ा गया। कारगिल युद भारतीय सेना की वीरता का एक ऐसा उदाहरण है जिस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व होना चाहिए। इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। रियाज़ इटावी ने रचना पढ़ी लहू से सींचा है गुलशन इसे आबाद रक्खेंगे शहीदों की शहादत को हमेशा याद रक्खेंगे यासीन अंसारी ने कहा तिरंगे के लिए जां भी निछावर हॅंस के कर देंगे हम अपने दिल की हर धड़कन में हिंदुस्तान रखते हैं युवा कवि वैभव यादव ने कहा हक़ीक़त बताता था मरने से पहले मैं इक आइना था बिखरने से पहले
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी राहुल तोमर ने कहा कारगिल युद्ध लगभग 18 हजार फ़ीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना को काफी भारी नुकसान सहना पड़ा था। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने लगभग 527 से अधिक वीर सैनिको को खोया था। इस युद्ध में न केवल 527 वीर सैनिक शहीद हुए बल्कि 1300 से अधिक सैनिक घायल हुए थे।
प्रशांत जैन ने कहा मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन। जय हिंद! कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है। इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन
खिलाड़ी वीरेन्द्र यादव ने कहा भारतीय सेना हमारे देश की रक्षा की सबसे बड़ी प्रणाली के रूप में जानी जाती है। एक सुरक्षा कवच बनकर ये हमारे देश की सेवा करते है। यह देश के दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं। इसलिए हमें अपने भारतीय सेना पर गर्व और अभिमान हैं। जब भारतीय सेना वर्दी में हथियारों को लिए कदम से कदम मिलाकर एक साथ सीमा की ओर चलती है तो यह हमारे भारत की ताकत को दर्शाती हैं।

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