लंपी’ वायरस ने राजस्थान के 11 जिलों को चपेट में ले लिया है। 3 हजार से ज्यादा गौवंश इस बीमारी से दम तोड़ चुके हैं। CS उषा शर्मा ने सचिवालय से सभी प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स और पशुपालन विभाग के चिकित्सा अधिकारियों को कहा है बीमारी से निपटने के लिए जेनेरिक के साथ ब्रांडेड दवा भी खरीदी जा सकती हैं। प्रभावित जिलों के लिए 5-5 लाख रुपए का फंड देने पर सहमति सहमति बनी है। आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग जिलों में 2 से 12 लाख रुपए जारी किया जाएगा। बिगड़ते हालात के बीच मुख्य सचिव उषा शर्मा ने आनन-फानन में मंगलवार शाम करीब साढ़े पांच बजे इमरजेंसी बैठक बुलाई।
केंद्र की टीम राजस्थान में लगातार कर रही दौरा
एडिशनल डायरेक्टर (हेल्थ) डॉ. एनएम सिंह ने बताया कि केंद्र से आई टीम ने सोमवार को जोधपुर, नागौर का दौरा किया था। अब टीम गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, राजसमंद भी जाएगी। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद और गुजरात बॉर्डर से सटे जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है। भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर बकरियों को होने वाली ‘माता’ से बचाव वाली ‘गोट पॉक्स’ वैक्सीन गौवंश को लगाने की सलाह दी है।
प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स जुड़े
बैठक में पश्चिमी राजस्थान समेत प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स, पशुपालन विभाग के सचिव पीसी किशन, एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ एनएम सिंह, एडिशनल डायरेक्टर मॉनिटरिंग डॉ आनंद सेजरा और पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव ने चर्चा की।
उधर, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने बड़ी तादाद में गायों की मौतों पर गहलोत सरकार को चेताते हुए कहा है कि स्पेसिफिक सेंटर्स पर लाकर बीमार गायों का इलाज कराया जाए। वरना प्रदेश की लाखों गायों में यह संक्रमण फैल जाएगा। किसानों और गौभक्तों को बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी। अगर सरकार ने इस चैलेंज को गम्भीरता से नहीं लिया तो बीजेपी को आंदोलन करना पड़ेगा।