आंखों के सामने पति को तड़पते हुए मरते देखा, अधमरा होने तक लट्ठ से पीटा, फिर लकड़ी के पटे पर हाथ रखकर कुल्हाड़ी से काटा 

 

 

ये शब्द रोती हुए उस महिला ने कहे, जिसके सुहाग को उसी के ससुर ने उजाड़ दिया। गुरुवार रात जबलपुर ले जाते हुए रास्ते में युवक की मौत हो गई। पति की मौत के बाद दमोह अस्पताल की ​​​​​​सीढ़ियों पर बैठकर फूट-फूट कर रोते हुए पत्नी ने अपना दर्द बताया। उसके पास ही 2 साल का बेटा भी लगातार रोए जा रहा था। महिला की आंखों में आंसू भरे थे, पर दिल पर पत्थर रखकर बेटे को चुप कराते हुए खाना भी खिला रही थी।

मामला दमोह का है, जहां गुरुवार को बाइक की चाबी नहीं देने पर पिता मोती पटेल ने 30 साल के बेटे संतोष का हाथ कुल्हाड़ी मारकर शरीर से अलग कर दिया था। गुस्साए पिता ने पहले छोटे बेटे के साथ मिलकर उसे अधमरा होने तक लाठी-डंडों से पीटा, फिर लकड़ी के पटे पर हाथ रखकर कुल्हाड़ी से ऐसा वार किया कि हाथ कट कर दूर जा गिरा। पिता का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ, उसने तड़प रहे बेटे को वहीं छोड़ा और कटा हाथ उठाकर, कंधे पर कुल्हाड़ी रखकर 5 किमी दूर चौकी पहुंच गया। यहां पहुंचकर उसने सरेंडर कर दिया।

बेटे की हत्या कर उसने बहू को विधवा और पांच साल के रुद्राक्ष और दो साल के बेटे सोहराज के सिर से पिता का साया छीन लिया। इस मामले में पुलिस की तरफ से भी एक बड़ी लापरवाही हुई। पुलिस जब घायल को लेकर अस्पताल पहुंची, तो उसका कटा हाथ थाने में ही भूल आई। डॉक्टर का कहना था कि यदि हाथ जल्दी अस्पताल लाया जाता तो उसे जोड़ा जा सकता था। जब चौकी प्रभारी से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा- इस संबंध में हम कुछ नहीं कह सकते।

घटना दमोह जिले के जेरठ चौकी के बोबई गांव की है। जिला अस्पताल में मृतक की पत्नी यशोदा सीढ़ियों पर बैठी थी, उसकी आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे। उसके दोनों बच्चे भी वहीं पर थे। मां को रोता देख रुद्राक्ष भी रो रहा था।

10 साल पहले हुई थी शादी

आंखों में आंसू लिए यशोदा ने बताया- 2012 में हमारी शादी हुई थी। सबकुछ अच्छा चल रहा था। पति खेती के साथ पानी-पुरी का ठेला लगाया करते थे। उन्होंने सितंबर 2021 में बाइक खरीदी थी। 35 हजार रुपए कैश बाकी दो साल की किश्त बनवाई थी। हर महीने 3500 रुपए की किश्त बंधी थी। गुरुवार को मैं, पति संतोष के साथ खेत पर काम करने चली गई थी। खेत पर ससुर मोती आए और पथरिया जाने का कहते हुए बाइक मांगी।

पति ने गाड़ी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि किश्त तो कोई नहीं देता, बाइक सभी चलाना चाहते हैं। खराब हो गई तो हम क्या करेंगे। यह सुन ससुर ने गालियां देनी शुरू कर दीं। घर से निकल जाने का कहते हुए वे वहां से चले गए। दोपहर में जब हम खेत से घर लौटे तो ससुर ने फिर से विवाद किया।

अधमरा होने के बाद हाथ काटा- यशोदा

ससुर के साथ चाचा, जेठ और देवर भी मौजूद थे। पति ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो ससुर और देवर लट्‌ठ लेकर उन पर टूट पड़े। मैं बचाने आई तो उन्होंने धक्का देकर दूर गिरा दिया। मैं, उनसे पति को छोड़ देने की मिन्नतें करती रही और वे उन पर लट्‌ठ बरसाते रहे। उन्हें अधमरा होने तक उन्हें पीटा। जमीन पर गिरे पति को उठाया उनका एक हाथ लकड़ी पर रख दिया। ससुर ने कुल्हाड़ी से ऐसा वार किया कि पति का हाथ कटकर दूर जा गिरा। ससुर ने कटा हुआ हाथ उठाया और, कंधे पर कुल्हाड़ी रखकर वहां से चले गए।

तड़पते पति की किसी ने मदद नहीं की

महिला ने आगे बताया, कटे हिस्से से खून की धार बह निकली, पति तड़प रहे थे। वे पानी मांग रहे थे, पर कोई देने वाला नहीं था। जैसे-तैसे मैं पानी लेकर आई और लोगों से अस्पताल लेकर जाने के लिए मदद मांगी। हालांकि मेरी मदद को न तो घरवाले आए न बाहर वाले। कुछ देर बाद पुलिस आई और उन्हीं की गाड़ी में लिटाकर मैं अस्पताल आई। यहां प्राथमिक इलाज किया गया। डॉक्टरों के पूछने पर पुलिस चौकी से कटा हाथ लेकर आई। हालांकि हाथ जोड़ने की जगह पति को दमोह रेफर कर दिया गया। आधे घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करने के बाद दमोह जिला अस्पताल पहुंचे। यहां से भी जबलपुर ले जाने को कह दिया। एंबुलेंस के लिए घंटेभर परेशान होते रहे, इसके बाद जबलपुर के लिए रवाना हुए, हालांकि बीच रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया।

चौकी प्रभारी बोले- देरी पर कुछ नहीं कहना

पथरिया CHC में पदस्थ डॉ. शशिकांत पटेल का कहना है कि संतोष को शाम करीब साढ़े 4 बजे अस्पताल लाया गया। कटे हाथ के बारे पूछने पर जेरठ चौकी में होना बताया गया। हाथ आने में काफी समय बीत गया। यदि जल्दी हाथ अस्पताल लाया जाता तो उसे जोड़ा जा सकता था। मरीज की हालत को देखते हुए उसे हाथ समेत जिला अस्पताल रेफर किया गया। हाथ चौकी से देरी से पहुंचने को लेकर जब चौकी प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने कहा- इस संबंध में हम कुछ नहीं कह सकते। इसके बाद उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

यह है पूरा मामला
बोबई निवासी मोती पटेल को गुरुवार को छोटे बेटे रामकिशन के साथ पथरिया जाना था। उसने अपने दूसरे बेटे संतोष पटेल से उसकी बाइक मांगी। संतोष ने अपनी बाइक देने से इंकार कर दिया। इससे गुस्साए पिता मोती ने बेटे राम किशन के साथ मिलकर संतोष की लाठी डंडे से पिटाई कर दी। गुस्साए मोती ने कुल्हाड़ी से संतोष के बाएं हाथ को लकड़ी के पटे पर रखकर काट दिया। क्रूर पिता ने कटे हाथ को उठाया और कंधे पर कुल्हाड़ी रखकर करीब 5 किमी दूर जेरठ पुलिस चौकी पहुंच गया।

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