कर्बला कों समझने के लिए मज़हब के साथ इंसानियत की जरूरत:मौलाना नुरुल हसन

न्यूज़ वाणी

कर्बला कों समझने के लिए मज़हब के साथ इंसानियत की जरूरत:मौलाना नुरुल हसन

शाह आलम वारसी

शाह/फ़तेहपुर इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम का चांद दिखते ही नये साल का शुभारंभ हो गया। मुहर्रम का चांद देखते ही हजरत इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला की यादगार में कुरानख्वानी और जिक्रे शहादतैन का जिक्र हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गाजीपुर थाना क्षेत्र के शाह कस्बे में स्थित हज़रत मोहम्मद शहीद शाह (र.ह.) बाबा की मज़ार शरीफ़ बाजार शाह में होने वाली मजलिस का आयोजन शाह कस्बे के पेश इमाम की ओर से दरगाह पर शहीदाने कर्बला का बयान पहली तारीख से चल रहा था! आज़ नौ वीं मोहर्रम कों बाद नमाज़े मगरिब कों हमीरपुर से आए मौलाना नुरुल हसन हमीरपुरी ने बयान में कहा कर्बला कों समझने के लिए मज़हब के साथ इंसानियत की जरूरत हैं फिर मौलाना इरशाद ने बेहतरीन अंदाज में नात पढ़ी वहीं मौलाना लुकमान ने तक़रीर करते हुए कहा एहलेबैत ने जो बताया वह अल्लाह, रसूल और कुरान की रोशनी में बताय़ा रस्मी, दुनियादारी,अजादार बनकर मोहर्रम न मनाएं हजरत इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला की यादगार में मोहर्रम को दिल से मनाएं मजलिसों का एहतराम करें! मजलिसे इंसानियत और भाईचारे का पैगाम देती हैं।जिसको सुनने के लिए आए जायरीनोंके आंखों में आंसू निकलने लगे वहीं मौलाना ने तकरीर में कहा जो जुलूस निकलते हैं उसमें बेअदबी न करें जितना ज्यादा से ज्यादा हों सके तबर्रुक तकसीम करें चाहने वाले मोहर्रम के चांद का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस मौके तमाम लोगो ने मजलिस में शिरकत की और मजलिस के बाद सलाम पेश किया गया फातिहा हुई और देश में अमन चैन की दुआ मांगी गई!

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