सरकार सालाना हजारों करोड़ रुपये खर्च करने पर भी, स्कूल में छात्र छात्राओं को मिड-डे- मील में नमक-रोटी दिए जाने का मामला प्रकाश में आया
मिड-डे-मील योजना स्कूली बच्चों को पोषणयुक्त भोजन देने के लिए है। इस योजना पर सरकार सालाना हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन हकीकत इससे अलग है। सोनभद्र जिले के एक स्कूल में छात्र छात्राओं को मिड-डे- मील में नमक-रोटी दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसका वीडियो वायरल होते ही बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
स्कूली बच्चों को नमक रोटी दिए जाने की घटना सोमवार की बताई जा रही है, जिसका वीडियो मंगलवार देर शाम वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया गया है कि एक व्यक्ति घोरावल क्षेत्र के गुरेठ स्थित कंपोजिट विद्यालय के एक क्लासरूम में जाकर छात्र-छात्राओं से पूछता है कि उन्हें कल यानी सोमवार (22 अगस्त) को मिड-डे-मील में खाने के लिए क्या-क्या मिला था।
सवाल के जवाब में छात्र-छात्राएं एक स्वर से बता रहे हैं कि रोटी और नमक मिला था। इसके बाद वीडियो बनाने वाला शख्स अलग-अलग कुछ और कक्षाओं में जाकर छात्र-छात्राओं से यही सवाल पूछता है तो उनका जवाब वही होता है कि कल मिड डे मील में नमक रोटी मिली थी। वहीं एक अन्य वीडियो में वीडियो बनाने वाला शख्स विद्यालय के रसोई कक्ष में वीडियो बनाते हुए बता रहा है कि आज बच्चों को खाने में नमक-भात मिलेगा। वहां पर मौजूद दो महिलाओं ने कुछ जवाब नहीं दिया।
कंपोजिट विद्यालय गुरेठ के प्रधानाध्यापक रुद्र प्रसाद का कहना है कि आठ अगस्त 2022 से ग्राम प्रधान ने स्वयं मिड-डे- मील बनवाने की जिम्मेदारी ली है। इसके मेन्यू के अनुसार सोमवार को बच्चों को रोटी-सब्जी, रोटी-दाल या रोटी व सब्जी मिश्रित दाल दी जानी थी। उस दिन रसोई में सब्जी नहीं थी और गैस सिलिंडर में गैस खत्म हो गई थी।
इसकी सूचना सोमवार सुबह ही ग्राम प्रधान को दे दी गई थी, लेकिन उन्होंने सिलिंडर समय पर नहीं भिजवाया। दोपहर बाद करीब पौने दो बजे विद्यालय में गैस सिलिंडर पहुंचा। गैस सिलिंडर व सब्जी उपलब्ध न होने से बच्चों को मिड-डे-मील में नमक व रोटी दी गई।
स्कूल में 249 छात्र-छात्राएं नामांकित