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संतो के संग और उनके सत्संग से ही मनुष्य हो सकता है मानवता का ज्ञान
दुर्गावती (कैमूर) आज रविवार के दिन दुर्गावती के चिल्ड्रन अकादमी बसंतपूर विहंगम योग के अनुयायि द्वारा सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें मानव के व्यक्तित्व का विकास मानवता से परिपूर्ण होते हुए कैसे किया जा सकता है इस पर चर्चा की गई तमाम गुरु भाइयों ने अपने अपने विचार को रखा संतों के संग और सत्संग से ही मनुष्य शरीर से हो सकता है मुक्त रविवार को चिल्ड्रेन एकेडमी विद्यालय के प्रांगण में सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जन्म जयंती समारोह में में बोलते हुए मंगला प्रसाद चौधरी ने कही ।संतो के संग रहकर उनकी वाणियो को श्रवण करना उनका सेवन करना और उनके सत्संग में प्रतिदिन जाने से व्यक्ति शारीरिक बंधन से छूट सकता है। विहंगम योग संस्थान के प्रणेता सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज ने इस ज्ञान को 17 वर्ष हिमालय की कमरों में घोर तपस्या के बाद प्राप्त किया और अपने अंदर उतारा । आज उनके ज्ञान के माध्यम से लाखों लोग साधन भजन साधना का अभ्यास कर रहे हैं और लाभ प्राप्त कर रहे ।इस ज्ञान से जुड़कर व्यक्ति परमात्मा का साक्षात्कार करता है। प्रवचन के माध्यम से कई साधक सूधी लोगों ने अपने अनुभव की बात लोगों को बताई। जन्म जयंती समारोह की अध्यक्षता विहंगम योग के उपदेष्टा जयप्रकाश सिंह ने किया ।मंच संचालन मोहनिया से आए हुए शिक्षक राजकुमार राम कर रहे थे ।समारोह के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय कार्यालय सासाराम के प्रबंधक मंगला प्रसाद चौधरी विहंगम योग की प्रचारिका श्रीमती कांति सिन्हा डेहरी के कटार आश्रम से आई हुई थी। इनके अलावा कैमूर जिला के जिला सचिव प्रेम चंद्र जायसवाल सत्संग सभा में उपस्थित उपदेष्टा रमेश सिंह हरिहर तिवारी संतोष चौधरी मोहनिया उपस्थित थे। कार्यक्रम की देखभाल के क्रम में जिनके कंधे पर आयोजन चल रहा था प्रखंड के प्रभारी बुद्धि राम राम की देखरेख में संपन्न हुआ।