प्रसूता की मौत पर नर्सिंग होम में तोड़फोड़, संचालिका समेत स्टाफ को पीटा – आक्रोशित परिजनों ने जाम लगा पुलिस की जीप के आगे किया हंगामा – पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल किया सीज

फतेहपुर। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से चलने वाले मानक विहीन नर्सिंगहोम की अव्यवस्था फिर से एक प्रसूता की मौत का कारण बन गई। मामूली परेशानी के इलाज के लिए अस्पताल के लिए भर्ती मरीज़ की गलत इलाज की वजह से हालत बिगड़ गयी।मरीज़ की गंभीर हालत देख अस्पताल कर्मियों ने उसे दूसरे निजी नर्सिंग होम में भर्ती करवा दिया जहां तीन दिन ज़िंदगी और मौत से जूझने के बाद महिला की मौत हो गयी। प्रसूता की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने गांव वालों की मदद से जमकर हंगामा किया और संचालिका समेत अस्पताल कर्मियों को बंधक बनाकर जमकर पिटाई कर दी। वहीं जानकारी मिलने पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने अस्पताल कर्मियों को किसी तरह बाहर निकाल कर जान बचाया।
सदर तहसील की धारुपुर निवासी अर्चना पत्नी तेज नारायण लोधी की एक माह पूर्व जिला चिकित्सालय में डिलेवरी हुई थी। प्रसव के एक माह बाद भी आंतरिक रक्तस्त्राव न रुकने की वजह से महिला को परिजनों ने लोधीगंज स्थित मां हॉस्पिटल में दिखाया था जहां डाक्टरों ने इलाज के नाम पर भर्ती कर लिया। इलाज के दौरान महिला की हालत लगातार बिगड़ती देखकर नर्सिंग होम कर्मियों के हाथ पैर फूलने लगे तो उन्होंने अवंतीबाई चौराहा स्थित निजी नर्सिंग होम में भर्ती करवा दिया जहां तीन दिनों तक इलाज के बाद प्रसूता की मौत हो गयी। परिजनों ने इलाज के नाम पर डेढ़ लाख रुपये लेने व गलत इलाज करने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे और देखते ही देखते अस्पताल संचालिका समेत कर्मियों के साथ मारपीट होने लगी। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस की जीप के आगे परिजनों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह संचालिका समेत कर्मचारियों को भीड़ के चंगुल से छुड़ाकर सुरक्षित बाहर निकाला तत्पश्चात शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। वहीं परिजनों से तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई की बात कही।
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घटना के बाद नींद से जागा स्वास्थ्य विभाग
फतेहपुर। मनकविहीन निजी नर्सिंग होम में गलत इलाज की वजह से लगातार हो रही मौत के बाद अपनी किरकिरी से बचने के लिये स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने मां नर्सिंग होम पहुंचे और अस्पताल संचालिका से दस्तावेज़ मांगे। अस्पताल में डाक्टरों समेत स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपस्थिति जहां प्रपत्रों मे कमी समेत अन्य खामियों के चलते एसीएमओ डॉ इश्तियाक की अगुवाई में स्वस्थ्य विभाग के अफसरो द्वारा नर्सिंग होम को सील कर दिया गया।
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पहले भी कार्रवाई के नाम पर हो चुकी खानापूर्ति
फतेहपुर। निजी अस्पतालों की लापरवाही का यह कोई नया मामला नहीं है। पहले भी कई अनियमितताओं एवं मौतों के चलते निजी अस्पतालों पर सरकारी कार्रवाई हो चुकी है लेकिन सेटिंग गेटिंग के खेल में माहिर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों एवं दलालों की जुगलबंदी की वजह से कार्रवाई धरी रह जाती है। चंद दिनों में ही अस्पतालों के ताले खुल जाते है और उनका संचालन बदस्तूर शुरू हो जाता है।
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दलालों के खेल के आगे प्रशासन बौना
फतेहपुर। बीमारी के चलते जिला अस्पताल आने वाले मरीज़ों को बेहतर इलाज का झांसा देकर दलालों के द्वारा निजी नर्सिंग होम में ले जाया जाता है। जहां इलाज के नाम पर उनका शोषण किया जाता है। जानकारों की माने तो जिला अस्पताल से मरीज़ों को निजी अस्पताल ले जाने के खेल में दलालों के सिंडिकेट में जिला चिकित्सालय के कुछ कर्मियों कर भी शामिल होते है।

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