अमौली/फतेहपुर।किसान हर एक मौसम में अपनी फसल लगाने के समय से ही योजना बनाने लगते हैं, जबकि कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो योजना बनाने में बहुत यकीन नहीं रखते हैं। फिर भी वे योजना बनाएं या न बनाएं, अपनी फसलों से उम्मीदें तो लगाकर रखते ही हैं। ऐसे में अपनी उम्मीदों को मूर्त रूप में लाने में उनके सामने बहुत सारी मुश्किलें और चुनौतियां आती हैं जो उनके उत्पादन और सफलता पर लगातार प्रश्न करते हैं। जंगली सुअरों से फसल को बचाने की चुनौती उन्हीं में से एक है।
एक तरफ जब हम किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे हैं, उस समय में यदि किसान जंगली जानवरों से अपनी फसलें ही नहीं बचा पाएंगे तो आय का प्रश्न तो बहुत पीछे चला जाता है। सबसे पहले तो बात उस प्रबन्धन की होनी चाहिए, जिससे जो भी, जैसी भी फसल हो वो कटाई होने तक बची तो रहे। जब लागत निकलेगी तब तो हम आय के बारे में सोच पाएंगे। इस लिहाज से हम यहां बात कर रहे हैं जंगली सुअरों से खेतों को नुकसान के बारे में अमौली के आसपास के गाँव बेहटा खुर्द, बेहटी के लोग पालतू सुअरो से परेशान है लगभग 6 महीने से बराबर सभी फसलो का नुकसान कर रहे है।ग्रामीणों ने मौखिक रूप से चौकी इंचार्ज को जानकारी भी दी थी पर उसका कोई सही रिजल्ट नहीं निकला। अब और भी ज्यादा नुकसान होने पर बेहटा खुर्द के किसान जीवन लाल, हरी शंकर, राम किशुन, रामशंकर,रघुवंशीने बताया कि पालतू सुअर लगभग 6 महीने से फसलो का नुकसान कर रहे है पर आज बहुत अधिक गन्ने का नुकसान हुआ है।गाँव के लोगों ने चौकी इंचार्ज को लिखित जानकारी देकर अवगत कराया।