भूख न लगने की समस्या किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कई अलग-अलग कारणों को जिम्मेदार माना जाता है। सामान्यतौर पर पेट में गैस बनने के कारण भूख में कमी का एहसास हो सकता है। हालांकि अगर यह समस्या आपको लगातार बनी रहती है तो इसपर गंभीरता से ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। भूख न लगने के साथ धीरे-धीरे थकान और वजन घटने की समस्या भी बढ़ती जाती है, यह स्थिति आपको परेशान कर सकती है। समय रहते भूख न लगने के कारण के बारे में पता करना और इसका इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है।
डॉक्टर्स कहते हैं, भूख न लगने की समस्या शारीरिक या मनोवैज्ञानिक दोनों कारणों से हो सकती है, इसलिए समय रहते स्थिति के बारे में जानना बहुत जरूरी हो जाता है। संक्रमण या पाचन संबंधी समस्याओं में यह दिक्कत अस्थायी होती है और इलाज के साथ ठीक हो जाती है। पर कई गंभीर रोग जैसे डायबिटीज, हृदय रोग और कुछ स्थितियों में कैंसर के विकास के कारण भी भूख में कमी महसूस होती रह सकती है, इसपर समय रहते गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि किन कारणों से आपकी भूख प्रभावित हो सकती है?
कई बीमारियां भी बन सकती हैं भूख न लगने का कारण
लंबे समय तक बनी रहने वाली चिकित्सकीय स्थितियां भी भूख में कमी का कारण बन सकती हैं। भूख न लगना प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में कमी या पेट खराब होने से संबंधित हो सकता है। डॉक्टर्स कहते हैं, पाचन तंत्र से संबंधित रोग जैसे इरेटबल बाउल सिंड्रोम और क्रोहन डिजीज, अस्थमा, मधुमेह, क्रोनिक किडनी डिजीज, रक्त में कैल्शियम की उच्च मात्रा, एचआईवी और एड्स जैसी समस्याओं में भी यह लक्षण बना रह सकता है। यही कारण है कि समय रहते इसपर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है।
मनोवैज्ञानिक कारणों पर भी ध्यान देने की जरूरत
कई प्रकार के मनोरोगों की स्थिति में भी भूख न लगने की समस्या सबसे सामान्य देखी जाती है। चिंता-तनाव, डिप्रेशन, शोक जैसी स्थितियां भी आपकी भूख को प्रभावित कर देती हैं। यदि आपको बिना किसी अंतर्निहित समस्या के कारण लंबे समय से भूख न लगने की दिक्कत बनी रहती है तो इस बारे में मनोचिकित्सक से सलाह लिया जाना चाहिए। समय पर मनोरोग की स्थितियों का पता चलना आवश्यक होता है।
गंभीर चिकित्सा स्थितियां
डॉक्टर्स कहते हैं, गंभीर चिकित्सा स्थितियों के शिकार लोगों को भी भूख में कमी का अनुभव हो सकता है। कैंसर या कीमोथेरेपी के बाद भी लोगों को भूख में दिक्कत महसूस होती रह सकती है। गंभीर बीमारियों के बाद के चरणों में भूख की कमी के कारण कैचेक्सिया का अनुभव हो सकता है। कैचेक्सिया वजन घटाने, मांसपेशियों की क्षति का कारण बन सकती है।