जब 1 रुपए जुर्माना होने पर इंजीनियर ने मारी खुद को गोली

 

अरबों रुपयों के 2जी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाले और करोड़ों रुपयों के राष्ट्रमण्डल खेल घोटाले के दोषी बेशक जेल जाने पर भी शर्मसार नहीं हुए हों लेकिन 100 साल पहले ब्रिटिश हुकूमत द्वारा मात्र एक रुपया जुर्माना किये जाने पर कालका-शिमला के बीच बारोग में सबसे लम्बी रेल सुरंग बनाने वाले इंजीनियर बारोग ने आत्महत्या कर ली थी।

उत्तर रेलवे के अम्बाला मण्डल के डीआरएमपी के.सांधी ने दिल्ली से आये पत्रकारों को बताया कि यूनेस्को ने कालका शिमला रेल लाइन को विश्व घरोहर का दर्जा दिया है लेकिन कालका से 42 किलोमीटर दूर बारोग में बनी 1.14 किलोमीटर सबसे लम्बी सुरंग का निर्माण जुलाई 1900 में शुरू हुआ था।

शुरू में यह दो किलोमीटर लम्बी सुरंग बनाई जानी थी जिसकी जिम्मेदारी बारोग को सौंपी गई। सुरंग के दोनों किनारों पर एलाईंमैन्ट ठीक नहीं बैठा और इसे वैसे ही छोड़ दिया गया। तब ब्रिटिश हुकुमत ने बारोग पर एक रुपये का जुर्माना किया। अपनी विफलता और जुर्माने से शर्मसार बारोग ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालांकि तत्कालीन सरकार ने तब इस स्टेशन का नाम महान इंजीनियर बारोग के नाम पर रख उसे सच्ची श्रद्धांजलि दी।

इस पुरानी सुरंग से मात्र एक किलोमीटर दूर मौजूदा सुरंग बनाई गई जिसे मुख्य इंजीनियर एच.एस.हैरीलिंगटन की देखरेख मे बनाया गया था और इस पर 8 लाख 40 हजार रुपये खर्च हुए थे। बारोग स्टेशन पर आज भी इस सुरंग में कांच के शीशे से सूर्य की रोशनी अन्दर पहुंचाने, स्टेशन पर बने अतिथि गृह के शौचालय में 100 साल पुरानी लगी नल की टोटियां, तांबे के पाइप, कमरों की खिड़कियों, छतों और दरवाजे में लगी लकड़ियां और फर्नीचर अपने जमाने की यादें तरोताजा कर देती है। उत्तर रेलवे ने इस विश्व धरोहर को वैसे ही संभाले रखने का बीड़ा उठाया है।

 

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