हिंदुओं के खिलाफ 10 गुना बढ़े नफरत के मामले, पाक-ईरान से रची जा रही साजिश, दुनियाभर के मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ीं

 

15 सितंबर 2022: कनाडा के स्वामी नारायण मंदिर में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की। दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे।

19 सितंबर 2022: ब्रिटेन के लिस्टर शहर में शिव मंदिर में घुसकर कुछ लोगों ने वहां लगे धार्मिक झंडे को नीचे गिरा दिया। मंदिर में तोड़फोड़ की।

ये दो घटनाएं तो हिंदुओं के खिलाफ नफरत और हिंसा की बस बानगी है। दरअसल पिछले 3 साल में दुनियाभर में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और नफरत के मामलों में 10 गुना तक इजाफा हुआ है। यानी 3 साल पहले अगर इस तरह की 10 घटनाएं होती थीं, तो अब ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़कर 100 हो गई है।

ये बात अमेरिका की ‘नेटवर्क कॉन्टेजियन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ यानी NCRI ने अपनी रिपोर्ट में बताई है।

‘सोशल मीडिया पर यहूदियों से मिलते-जुलते हिंदू विरोधी मीम्स शेयर हो रहे हैं’
NCRI ने जुलाई 2022 में हिंदुओं के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए दुनियाभर में फैलाई जा रही नफरत को लेकर रिसर्च की थी। 21 सितंबर 2022 को वाशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में NCRI के को-फाउंडर जोएल फिंकेलस्टीन ने इस रिपोर्ट की अहम बातें वहां मौजूद लोगों से शेयर की।

ये तस्वीर 21 सितंबर को वाशिंगटन डीसी में आयोजित उसी कार्यक्रम की है, जिसमें NCRI की रिपोर्ट साझा की गई। इसमें अमेरिकी सांसद हांक जॉनसन ने भी शिरकत की थी, तस्वीर में वे अपनी बात रखते नजर आ रहे हैं।

कार्यक्रम में जोएल फिंकेलस्टीन ने कहा, ‘3 साल में हिंदुओं के खिलाफ 1000% तक दुनियाभर में नफरत की घटना बढ़ी है। सोशल मीडिया पर यहूदियों से मिलते-जुलते हिंदू विरोधी मीम्स शेयर किए जा रहे हैं। दुनिया भर के कई देशों की इस्लामिक कट्टरपंथी इस साजिश में शामिल हैं। यही वजह है कि अमेरिका समेत कई देशों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और नफरत बढ़ी है।’

NCRI ने 4 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और 3 तरीकों से किया एनालिसिस
NCRI ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा नफरत फैलाने वाले 4 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सिलेक्शन किया, जिनका नाम है..

  • Twitter: अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिसे दुनियाभर के 23.8 करोड़ लोग यूज करते हैं।
  • Telegram Messenger: ये एक मैसेंजर ऐप है। जिसे दुनियाभर में 70 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं।
  • 4Chan: अमेरिका और यूरोप में 18 से 25 साल के युवाओं के बीच सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली इमेजबोर्ड वेबसाइट है। इसके 2.2 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। इमेज और मीम्स को क्रिएट कर शेयर करने के लिए इसका यूज किया जाता है।
  • Gab: ये एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसे 40 लाख से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं।

NCRI ने रिसर्च के लिए 3 तरीके अपनाए…

1. जनवरी 2019 से जनवरी 2022 के बीच हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने वाले पोस्ट के ‘कीवर्ड’ और ‘हैशटैग’ की पहचान की।

2. उस ‘कीवर्ड’ और ‘हैशटैग’ से किए जा रहे सोशल मीडिया पोस्ट का पता किया।

3. उस सोशल मीडिया पोस्ट का बिहेवियर और उसके प्रभाव का एनालिसिस।

दुनिया में 3 वजहों से हिंदुओं के खिलाफ बढ़ रही है नफरत

रिपोर्ट में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती नफरत की 3 वजह सामने आईं हैं…

पहली वजह: भारत में होने वाली सांप्रदायिक घटनाओं पर प्रतिक्रिया।

24 फरवरी 2020 को डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली आए और दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो गए। इस समय विदेश में बैठे लोगों ने सोशल मीडिया पर #delhigenocide, #muslimgenocide जैसे कीवर्ड और हैशटैग को ट्रेंड कराए थे।

दूसरी वजह: भारत में होने वाले राजनीतिक फैसलों की वजह से।

2019 में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद #kashmirdeniesindia जैसे कीवर्ड और हैशटैग को विदेश में बैठे लोगों ने ट्रेंड कराए।

तीसरी वजह: दुनियाभर में हो रहीं घटनाओं की वजह से।

2018 में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भारत दौरे पर आए थे, तो उस समय भी 1053 बार ईरान के ट्रोल्स ने ‘human rights violations in Jammu and Kashmir’ ट्वीट किए थे।

नफरत फैलाने का माध्यम: फेक और हिंदू विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट
NCRI के मुताबिक हिंदुओं और हिंदुस्तानियों के खिलाफ नफरती पोस्ट करने के लिए कुछ खास तरह के की-वर्ड और हैशटैग का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें हिंदूनाजी, पाजीत, इंडियाआउट, फ्री कश्मीर जैसे प्रमुख की-वर्ड और हैशटैग शामिल हैं।

ग्राफिक्स में देखिए ईरान के ट्रोल्स ने हिंदुओं और भारतीयों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले पोस्ट में सबसे ज्यादा ये हैशटैग इस्तेमाल किए हैं…

जब NCRI ने ट्विटर पर इन हैशटैग की पड़ताल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से की तो बड़ी जानकारी सामने आई। जैसे- 3 साल में 10 लाख से ज्यादा हिंदू विरोधी ट्वीट तो सिर्फ ईरान के ट्रोल्स ने किए हैं।

रिसर्च में इन सोशल मीडिया पोस्ट के नेचर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को भड़काने वाले हैं। इन पोस्ट में हिंदू देवता, प्रतीकों, संस्कृति और रहन-सहन के तरीकों को टारगेट किया गया है।

इस भड़काऊ तस्वीर को भारतीय और हिंदुओं के खिलाफ शेयर किया जा रहा है। इसमें 26/11 मुंबई हमले की तर्ज पर घटना के लिए एक बार फिर से उकसाया जा रहा है। रिपोर्ट में धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली ऐसी दर्जनों तस्वीरें हैं, जिसे हम यहां शेयर नहीं कर रहे हैं।

हिंदुओं के अपमान के लिए किया जा रहा है ‘Pajeet’ शब्द का इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुओं के अपमान के लिए ‘#Pajeet’ शब्द का इस्तेमाल हर दिन औसतन 250 से ज्यादा बार सोशल मीडिया पर हो रहा है। इसके लिए अंग्रेजी के दूसरे शब्द जैसे- Streetshitter, Poojeet, Dishonest, hindu are dirty का भी इस्तेमाल हो रहा है।

2020 में सोशल मीडिया पर इस शब्द का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा। इसका इस्तेमाल भारतीयों और हिंदुओं को बुरा दिखाने के लिए हो रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2 तरह के लोग हिंदू विरोधी पोस्ट को बढ़ावा दे रहे हैं…

1. व्हाइट सुपरमेसिस्ट यानी पश्चिमी देशों के नस्लभेदी श्वेत समुदाय

2. इस्लामिक कट्टरपंथी

ईरान और पाकिस्तान के 44 शहरों से सबसे ज्यादा पोस्ट

  • पाकिस्तान के 4 शहरों से लाहौर, कराची, सियालकोट और रावलपिंडी से सबसे ज्यादा हिंदुओं और भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया गया। इनमें ज्यादातर ईरान के ट्रोल्स द्वारा फैलाए जा रहे पोस्ट थे।
  • हिंदुओं के खिलाफ ईरान ट्रोल्स के नफरती पोस्ट को गुजरात , दिल्ली और मुंबई में भी जमकर शेयर किया गया।
  • 8 जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद #kashmirdeniesindia ईरान और पाकिस्तान के ट्रोल्स ने ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराया था।

इस भड़काऊ तस्वीर को भारतीय और हिंदुओं के खिलाफ शेयर किया जा रहा है। इसमें 26/11 मुंबई हमले की तर्ज पर घटना के लिए एक बार फिर से उकसाया जा रहा है। रिपोर्ट में धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली ऐसी दर्जनों तस्वीरें हैं, जिसे हम यहां शेयर नहीं कर रहे हैं।

हिंदुओं के अपमान के लिए किया जा रहा है ‘Pajeet’ शब्द का इस्तेमाल
रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुओं के अपमान के लिए ‘#Pajeet’ शब्द का इस्तेमाल हर दिन औसतन 250 से ज्यादा बार सोशल मीडिया पर हो रहा है। इसके लिए अंग्रेजी के दूसरे शब्द जैसे- Streetshitter, Poojeet, Dishonest, hindu are dirty का भी इस्तेमाल हो रहा है।

2020 में सोशल मीडिया पर इस शब्द का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा। इसका इस्तेमाल भारतीयों और हिंदुओं को बुरा दिखाने के लिए हो रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2 तरह के लोग हिंदू विरोधी पोस्ट को बढ़ावा दे रहे हैं…

1. व्हाइट सुपरमेसिस्ट यानी पश्चिमी देशों के नस्लभेदी श्वेत समुदाय

2. इस्लामिक कट्टरपंथी

ईरान और पाकिस्तान के 44 शहरों से सबसे ज्यादा पोस्ट

  • पाकिस्तान के 4 शहरों से लाहौर, कराची, सियालकोट और रावलपिंडी से सबसे ज्यादा हिंदुओं और भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया गया। इनमें ज्यादातर ईरान के ट्रोल्स द्वारा फैलाए जा रहे पोस्ट थे।
  • हिंदुओं के खिलाफ ईरान ट्रोल्स के नफरती पोस्ट को गुजरात , दिल्ली और मुंबई में भी जमकर शेयर किया गया।
  • 8 जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद #kashmirdeniesindia ईरान और पाकिस्तान के ट्रोल्स ने ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराया था।

NCRI के मुताबिक 4Chan पर हिंदुओं के खिलाफ पाजीत शब्द का इस्तेमाल पश्चिमी देशों में सबसे ज्यादा अमेरिका में किया गया है। टॉप 5 में से दूसरे स्थान पर भारत है, जहां सबसे ज्यादा पाजीत यूज हुआ है। रिसर्च में शामिल करीब 30 हजार से ज्यादा पाजीत शब्द वाले कमेंट में 12 हजार तो सिर्फ अमेरिका में इस्तेमाल हुए हैं।

1980 में भी हिंदुओं के खिलाफ पश्चिमी देशों में चलाया गया था ‘डॉट बस्टर’ मूवमेंट
ऐसा पहली बार नहीं है जब अमेरिका या दूसरे पश्चिमी देशों में हिंदुओं के खिलाफ इस तरह से नफरत फैलाने की बात सामने आई हो।

बात 1980 की है। इस समय अमेरिका के ‘न्यू जर्सी’ शहर में ‘डॉट बस्टर्स’ नाम से एक मूवमेंट चलाया गया था। इस मूवमेंट के जरिए बड़े पैमाने पर यहां रह रहे हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाई गई थी।

1987 में जर्सी जनरल नाम की एक पत्रिका में एक आर्टिकल पब्लिश किया गया था, जिसमें हिंदुओं पर हमला करने के लिए उकसाने वाली बातें लिखी गई थीं। इतना ही नहीं हिंदुओं को अमेरिका छोड़कर जाने के लिए भी कहा गया था।

इस समय 3 तरह से हिंदुओं के खिलाफ अमेरिकी लोग नफरत फैला रहे थे..

1. हिंदुओं की कार और घरों के शीशे तोड़कर

2. हिंदुओं के घरों में होने वाली पार्टी और कार्यक्रमों में हमला कर

3. हिंदुओं से दूर रहने और दोस्ती नहीं करने की लोगों को हिदायत देकर

 

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