मदरसों के छात्रों को पुस्तकों का पैसा बैंक खातों में सीधे डाला जाएगा। सोमवार को मदरसों के सर्वे संबंधी बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मौके पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सरकार का उद्देश्य मदरसों की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक एवं गुणवत्तायुक्त बनाना है।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम मंत्री धर्मपाल सिंह के विधानभवन स्थित कार्यालय में मदरसा संबंधी बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंत्री ने निर्देश दिए कि मदरसों में पुस्तकों के वितरण को लेकर प्रारूप बदला जाए। अब मदरसों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उनके कोर्स की एनसीईआरटी की किताबों के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से पैसा दिया जाएगा। उनके अभिभावकों के खातों में सीधे पैसा डाला जाएगा ताकि वे सुविधानुसार अपने बच्चों को पुस्तकें खरीदकर दे सकें। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को यह सुविधा दी जाए। विदित हो कि प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे हैं जिनमें कक्षा एक से आठ तक लगभग एक लाख छात्र अध्ययनरत हैं। इन सभी को इस योजना का लाभ मिलेगा।
पोषण अनुदान योजना का लाभ
पोषण अनुदान योजना में सालाना 14 करोड़ रुपये का बजट है जिसे इन छात्रों की पुस्तकों पर खर्च करने की तैयारी है। बैठक में मंथन हुआ कि इस पैसे को ही किताबों के लिए छात्राें को दिया जाए। इसके लिए समिति बनाकर सारी योजना तैयार करने को कहा गया है।
सर्वे को लेकर भ्रम न हो
अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा कि समस्त जनपदों से सर्वे कार्य की प्रगति की मॉनीटरिंग नियमित रूप से की जाए। सर्वे को लेकर किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। सर्वे कार्य केवल गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सूचना संकलित किये जाने के उद्देश्य से कराया जा रहा है। मदरसों की शिक्षा को गुणवत्तायुक्त एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप बनाना राज्य सरकार का उद्देश्य है। इसी तरह से वक्फ संपत्तियों में भी राजस्व अभिलेखों का दुरूस्तीकरण करने को कहा गया है।
नीट उत्तीर्ण छात्र होंगे सम्मानित
बैठक में मंत्री ने कहा कि मदरसे के कुछ प्रतिभाशाली बच्चे जिन्होंने नीट परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें सम्मानित किया जाए। इससे छात्र जागरूक होंगे और राज्य सरकार की मंशा के अनुसार डॉक्टर, इंजीनियर व उच्च पदों पर चयनित हो सकेंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग, निदेशक इन्दुमति, रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह, बोर्ड अध्यक्ष, डा. इफ्तेखार अहमद जावेद आदि मौजूद रहे।