UP के मदसरों में 6 घंटे चलेगी क्लास, दुआ और राष्ट्रगान से होगी शुरुआत, सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे तक होगी पढ़ाई

 

 

उत्तर प्रदेश के मदरसों में सरकार रोज कुछ नया बदलाव कर रही है। पहले मदरसों के सर्वे का फैसला, फिर NCERT की किताबें, NEET क्वालिफाइड बच्चों को सम्मान के बाद अब टाइम-टेबल में भी बदलाव किया गया है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने बड़ा फैसला करते हुए मदरसों में पढ़ाई का समय एक घंटे बढ़ा दिया है।

अब यूपी के मदरसे छह घंटे चलेंगे यानी सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे तक क्लास चलेगी। पहले इनमें सुबह नौ बजे से दोपहर 2 बजे तक ही पढ़ाई होती थी। मदरसों की नई समय सारिणी एक अक्टूबर से लागू होगी। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने इसके आदेश जारी कर दिए।

मदरसे की क्लास राष्ट्रगान से शुरू होगी
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सुबह नौ बजे दुआ और राष्ट्रगान से मदरसे में पढ़ाई शुरू होगी। नई टाइम-टेबल के मुताबिक, शिक्षण कार्य सुबह 9:20 से दोपहर 12 बजे तक होगा। इसके बाद मध्य अवकाश होगा, जिसमें बच्चे 12 से 12:30 बजे तक भोजन कर सकेंगे। इसके बाद फिर दूसरी पाली शुरू होगी, जिसमें 12:30 से दिन में तीन बजे तक फिर शिक्षण कार्य होगा।

NEET क्वालिफाई मदरसे के 22 छात्र होंगे सम्मानित
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मदरसे के कुछ प्रतिभाशाली बच्चे नीट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अभी तक ऐसे छात्रों की संख्या करीब 22 है। यह और अधिक भी हो सकती है। जल्द ही इन बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। इससे छात्र जागरूक होंगे और राज्य सरकार की मंशा के अनुसार डॉक्टर, इंजीनियर व उच्च पदों पर चयनित हो सकेंगे। हमारी कोशिश है कि मदरसा बोर्ड के छात्र भी आईएएस और आईपीएस बनें। सम्मान से उत्साह बढ़ेगा और दूसरे छात्र भी प्रेरित होंगे।

मदरसों के छात्रों के लिए पुस्तकों का पैसा DBT के जरिए
अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि पहली बार सरकार एक बेहतर प्रयोग करने जा रही है। जिस तरीके से बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में बच्चों के ड्रेस के लिए पैसा उनके अभिभावक के खाते में भेजा जाता है ठीक उसी मदरसों में पुस्तकों के वितरण को लेकर प्रारूप बदला जा रहा है।

अब मदरसों में पढ़ने छात्र-छात्राओं को उनके कोर्स की एनसीईआरटी की किताबों के लिए DBT यानी डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से पैसा दिया जाएगा।

यह पैसा उनके अभिभावकों के खातों में सीधे पैसा डाला जाएगा, ताकि वे सुविधानुसार अपने बच्चों को पुस्तकें खरीदकर दे सकें। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को यह सुविधा दी जाएगी। उत्तर-प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे हैं। जिनमें कक्षा एक से आठ तक लगभग एक लाख छात्र पढ़ते हैं।

इन सभी को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक भी खुश हैं। उनका कहना है कि इससे बच्चों को समय पर किताबें मिल जाएंगी।

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