अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली, उतारे हम तेरी आरती – छठवें दिन मां के कात्यायनी स्वरूप के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़ – कन्या पूजन कर भक्तों ने मांगा सुफल मनोरथ का आर्शीवाद

फतेहपुर। आदिशक्ति श्रृष्ठि स्वरूपा मॉ जगदम्बे की पूजा अर्चना कर नवरात्र महापर्व के छठवें दिन भी श्रद्धा विश्वास के साथ मां के छठवें स्वरूप कात्यायनी के दर्शन का सिलसिला जारी रहा। भक्तों ने मॉ के दरबार में मुराद पूरी करने के लिए अर्जी लगाई। दुर्गा पंडालों में सुबह से ही शंख, घण्टा, घडियाल की धुन गंूजती रही।
जिले भर के दुर्गा मंदिरों शक्ति पीठों में जगत जननी का इस दिन भिन्न रूपों में स्वरूप सजाया गया। आस्था के महासागर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भक्ति भावना की डुबकी लगाई। माता कात्यायनी के छठवें स्वरूप के दर्शन के लिए सुबह से लेकर शाम तक भक्ति भावना उमंगे, तरंगें लोगो के मन में उमडती रहीं। जगह-जगह सजे दुर्गा पंडालों में भक्ति रस की छठा बिखरती रही। सुबह वैदिक विधान के तहत मॉ की पूजा अर्चना की गयी। वहीं दूसरे पहर में दुर्गा पंडालों में महिलाओं, किशोरियों, युवतियों ने मॉ की सजाई गयी मूर्तियों में रोशनी का ऐसा नूर उतरा जिसे देखकर सभी लोग हतप्रभ हो गये। जगह-जगह मॉ के स्वरूप को विद्युत की आकर्षक झालरों से सजाया गया था। नवरात्र पर्व के छठवें दिन जगह-जगह पर कन्या भोज का आयोजन हुआ। कुंवारी कन्याओं का पूजन अर्चन कर उन्हें माता का स्वरूप मानते हुए लोगों ने उन्हें भोजन कराकर दान दक्षिण देते हुए आर्शीवाद लिया। वहीं सुहागिन महिलाओं ने पति के साथ गठबंधन कर इन कुमारी कन्याओं को भोजन कराकर नवरात्र पर्व का विशेष लाभ अर्जित किया। यह क्रम कही एक जगह नही बल्कि जिले भर में छठवे दिन जारी रहा। सड़कों पर आकर्षक विद्युत सजावट के कारण देर रात तक सड़क पर स्त्री, पुरूष बच्चे आवागमन करते रहे। नवरात्र महापर्व में जहां शुभ कार्यो को करने का विधान है। ऐसे में विभिन्न सम्प्रदाय के लोगों ने विभिन्न जगहों पर विभिन्न प्रकार के शुभ कार्यों को करने का विधान है। ऐसे में विभिन्न सम्प्रदाय के लोगो ने विभिन्न प्रकार जगहों पर विभिन्न प्रकार के शुभ कार्य किये। जिसमें बच्चों का नामकरण, अन्य प्रशान मुण्डन, छेदन व वरीक्षा के कार्यक्रम भी शामिल रहे। मॉ के इस पुनित अवसर पर इस तरह के कार्य कर लोगों ने जीवन में सुख समृद्धि की अर्जी मॉ के दरबार में लगायी। माता के भक्तों का मानना है कि नवरात्र दुर्गाकाल के रूप में होता है। इस काल में किया गया कोई भी शुभ कार्य चिरातन समय तक मनुष्य को आनन्दित करता है। नवरात्र पर्व के छठवे दिन जगत-जननी आदिशक्ति मॉ भवानी का विशेष श्रंृगार दुर्गा पंडालों में हुआ। चौक स्थित हनुमान मंदिर में महामायी का विशेष श्रृगांर किया गया इसी तरह ठठराही में दुर्गा पंडाल में मॉ को भव्यता के साथ सजाया गया। आबूनगर के दुर्गा पंडाल में भगवती का सुन्दर रूप सजाया गया। पटेल नगर में माता का स्वरूप सजा कर यहां माता वैष्णों की वर्फ गुफा के जरिये लोगों को दर्शन कराये गये। जयराम नगर में मॉ की सजावट आकर्षक विद्युत लाइटों से की गयी। राधानगर व देवीगंज में स्थित दुर्गा पंडालों में भी रखी दुर्गा प्रतिमाओं की आकर्षक रूप सज्जा की गयी।

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