नर्सिंग-पैरामेडिकल छात्रों के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार, CM योगी आज करेंगे मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. समय की मांग को देखते हुए नर्सिंग और पैरामेडिकल के प्रशिक्षण में बदलाव भी होंगे. यह मुमकिन होगा मिशन निरामया: अभियान से. अभियान के तहत नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत बनाने पर जोर होगा. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को बताया कि, मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की अहम भूमिका होती है. मरीजों के पास ज्यादा समय नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ का गुजरता है. मरीजों को बेहतर देखभाल के लिए नर्सिंग व पैरामेडिकल की पढ़ाई की गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है. छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण प्लेसमेंट दिलाने और करियर काउंसिलिंग के लिहाज से मिशन निरामया अभियान मील का पत्थर साबित होगा.
प्रमुख तथ्य-
-अभियान में बेहतर प्रशिक्षण के साथ सेवायोजन पर जोर होगा.
-सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित संस्थान से संवाद स्थापित किया जाएं ताकि अन्य नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों का मार्गदर्शन हो सके. नीति तय करने में मदद ली जा सकती है.
-छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल जानकारी देने की व्यवस्था पर पूरा जोर होगा.
-माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्सेज की अहमियत बताई जाएगी ताकि इन कोर्स के प्रति छात्र-छात्राओं का रूझान बढ़े.
-डिजिटल प्लेटफार्म बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
सीएम करेंगे निरामया अभियान का शुभारंभ
सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ करेंगे. मिशन का मकसद नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट दिलाना है. उनकी करियर काउंसिलिंग में मदद करना है. कार्यक्रम संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट के कन्वेन्शन सेंटर में पूर्वाह्न 9.30 बजे होगा. इस मौके पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा व स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, आलोक कुमार मौजूद रहेंगे.
मानकों पर कसे जाएंगे संस्थान
मिशन निरामया अभियान के तहत भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर नर्सिंग व पैरामेडिकल प्रशिक्षण में बदलाव किए जाएंगे. उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों को मानकों पर कसा जाएगा. शिक्षकों की संख्या का भी समय-समय पर सत्यापन होगा. परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षक दूसरे संस्थान से होंगे. परीक्षाओं की सुचिता बरकरार रखने के लिए केंद्रों में सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मानकों के खिलाफ चलने वाले नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा. जो संस्थान मानक नहीं पूरे करेंगे उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी.