जेल में बंद महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखा, ब्वॉयफ्रेंड के लिए भाई, पति और बच्चे की हत्या करने वाली महिलाओं का उपवास
गोरखपुर जेल में हत्या और अन्य आरोपों में बंद 12 महिलाओं ने आज करवाचौथ का व्रत हैं। उन्होंने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दी है। जिसके बाद जेल प्रशासन समाजिक संस्थाओं की मदद से उन्हें पूजन और व्रत के सामान मुहैया करा दिए।
पति की हत्या के आरोप में बंद 2 महिलाएं अपने प्रेमी की लंबी उम्र के लिए व्रत रखी हैं। एक मुस्लिम महिला प्रेमी के साथ मिलकर भाई की हत्या करने के आरोप में जेल में बंद हैं। वह भी करवाचौथ का व्रत अपने प्रेमी के लिए कर रही हैं। एक अन्य मुस्लिम महिला जेल में व्रत रखती थीं, लेकिन उसे महाराजगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। महिला अपने पति और बच्चे की हत्या के आरोप में जेल में बंद है।
5 महीने पहले की थी पति की हत्या
पति की हत्या के आरोप में 5 महीने से जेल में बंद महिला पायल (बदला हुआ नाम) इस बार प्रेमी के लिए व्रत रखी हैं। उसने 6 मई 2022 की रात गुलरिहा स्थित शराब के ठेके के पास अपने पति के सिर पर रॉड से मारकर हत्या कर दी थी।
उस समय महिला ने इसे दुर्घटना बताया था। जब उसका बेटा और देवर सामने आए, तो कत्ल का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वह और उसका प्रेमी अभी गोरखपुर जेल में बंद हैं।
पति की हत्या कर पेड़ से लटकाया
गगहा क्षेत्र में एक महिला सरोज (बदला हुआ नाम) ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर 35 साल के पति की हत्या कर पेड़ से लटका दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद गला दबाकर मारने की पुष्टि हुई थी। मृतक के भाई ने पत्नी और उसके प्रेमी के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। दोनों जेल में बंद हैं। उसने भी आज अपने प्रेमी के लिए व्रत रखा है।
भाई ने किया प्यार विरोध, तो कर दी हत्या
इस बार एक मुस्लिम महिला भी अपने प्रेमी के लिए करवाचौथ का व्रत कर रही है। गुलरिहा इलाके की रहने वाली मुस्लिम महिला गुड़िया (बदला हुआ नाम) ने अपने सगे भाई की हत्या कर दी थी। दरअसल, उसका भाई उसके प्यार में बाधा बन रहा था, तो उसने अपने प्रेमी संग मिलकर भाई को अपने रास्ते से हटा दिया। दोनों इस समय जेल में हैं। युवती भी अपने प्रेमी के लिए बिना शादी के ही व्रत रखा है।
महिलाओं को दिए गए व्रत और पूजन के सामान
जेल सुपरिटेंडेंट ओपी कटियार ने बताया, “गोरखपुर जेल में 12 महिलाओं ने करवा चौथ व्रत करने की इच्छा जताई थी। सभी को त्योहार से एक दिन पहले पूजन और व्रत के सभी सामान उपलब्ध करा दिए गए हैं, जिससे0जेल में बंद महिला बंदी भी इस पर्व को मना सकें।”