नर्स मेंटर व स्टाफ नर्सेस को प्रैक्टिकल डिलीवरी कराकर दिया प्रशिक्षण – मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाये जाने के उद्देश्य से हुआ कार्यक्रम – प्रसव पूर्व व बाद में अच्छी गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करना प्रशिक्षण का उद्देश्य

फतेहपुर। मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से जपाइगो संस्था की ओर से जिला महिला चिकित्सालय में पांच दिवसीय दक्षता ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। दिल्ली और लखनऊ से आई चिकित्सकों की टीम ने प्रसव के दौरान आने वाली दिक्कतों को प्रैक्टिकल करके दिखाया।
सीएमओ डॉ सुनील भारती के निर्देश पर सीएमएस डॉ रेखारानी की देखरेख में जिला महिला चिकित्सालय में प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ रेखारानी की अध्यक्षता में यह प्रशिक्षण 21 अक्टूबर तक चलेगा। टीम में गायनोकोलॉजिस्ट डॉ सुनीता, डॉ भावना, जपाइगो संस्था की प्रोग्राम ऑफिसर रेणुका ने डिलीवरी के दौरान लेबर रूम में आने वाली जोखिम और उनसे सफलता पाने के तरीके बताये। टीम ने डमी पेशेंट के साथ प्रैक्टिकल डिलीवरी कराकर प्रशिक्षण दिया। सीएमएस डॉ रेखारानी ने बताया कि जिले की सभी ब्लाकों एवं जिला महिला चिकित्सालय की नर्स मेंटर और स्टाफ नर्सेस को राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जा है। प्रशिक्षण पाने के बाद नर्सेज और नर्स मेंटर अपने अपने फैसिलिटी पर लेबर रूम की स्टाफ नर्सेज को प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। इससे मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी। जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता आलोक कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रसव पूर्व, प्रसव के बाद अच्छी गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान की जा सके।
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नर्सों को इन बिंदुओं की दी जानकारी
फतेहपुर। ट्रेनिंग प्रोग्राम से नर्सों की प्रैक्टिकल के साथ स्किल डेवलपमेंट किया जाता है। इस दौरान उन्हें पीपीई डोनिंग एंड डोफिंग, हैंड वाशिंग, वाइटल मॉनिटर, बीपी-पल्स रेट, टेम्परेचर चेकिंग, ऑक्सीजन लगाना, इंजेक्शन लगाना, कैथेटर लगाना, ऑटो क्लेव लगाना, लेबर रूम ब्यवस्थित करना, बायोमेडिकल वेस्ट प्रोडक्ट का प्रबंधन करने के साथ हीं मरीजों में होने वाले कॉम्प्लिकेशन को पहचानने और उसे मैनेज करने के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया गया।

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