1 करोड़ का सोना पहनकर कुल्फी बेचने वाले गोल्डमैन का आइडिया

 

गोल्ड वर्क वाली कुल्फी। नहीं सुना होगा आपने। लेकिन अब इंदौर में आइसक्रीम के शौकीनों को जल्द गोल्ड वर्क वाली कुल्फी का जायका मिलेगा। सराफा बाजार में कुल्फी, फालुदा बेचने वाले गोल्डमैन बंटी यादव ने इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। बंटी 2 किलो सोने के आभूषण पहनकर कुल्फी दुकान पर आते हैं, इसलिए उन्हें गोल्डमैन कहा जाता है। इसकी कीमत आज करीब एक करोड़ रुपए होती है। इंदौर का सराफा बाजार घूमने आने वाले फॉरेन के लोग भी उनकी कुल्फी के दीवाने हैं।

दिवाली के बाद मिलेगी गोल्ड वर्क कुल्फी
सराफा बाजार की नाइट चौपाटी पर बंटी यादव रात को दुकान लगाते हैं और देर रात तक कुल्फी, फालुदा बेचते हैं। कुल्फी की इतनी वैरायटी है कि हैरान रह जाएंगे। वे बताते हैं कि मुझे इतना गोल्ड पहने हुए देख कई बार लोगों ने कहा कि गोल्ड वर्क की कुल्फी क्यों नहीं बनाते। बस तभी सोच लिया था कि गोल्ड वर्क वाली कुल्फी बनाना है। हमने इसकी प्लानिंग की और अब ट्रायल कर रहे हैं। उम्मीद है कि दिवाली के बाद लोगों को गोल्ड वर्क की कुल्फी चखाऊंगा।

तीसरी पीढ़ी चला रही है यह कुल्फी दुकान
बंटी यादव ने बताया कि वर्तमान में तीसरी पीढ़ी ये व्यापार संभाल रही है। दादा जी किशोर लाल यादव ने 1965 में इस दुकान की शुरुआत की थी। इसके बाद पिता रमेशचंद्र यादव ने ये दुकान संभाली। साल 2000 से वे इस दुकान को संभाल रहे हैं। उनका कहना है कि सोना पहनने का शौक मुझे ही है। पिता और दादा जी को तो बस कुल्फी बेचना पसंद था।

दुकान में 50 रु. से 110 रु. तक की कुल्फी
शुरुआत में सिर्फ केसर पिस्ता कुल्फी बनाते थे। बिजनेस बढ़ा तो पान, मलाई, जामुन, काजू केवड़ा, काजू गुलकंद, चॉकलेट, शुगर फ्री, मेंगो, सीताफल की कुल्फी भी बनाने लगे। पान कुल्फी को पान के पत्तों से तैयार किया जाता है। कुल्फी के अलावा यहां फालुदा भी है। कीमत की बात करें तो ये कुल्फियां 50 रुपए (पर पीस) से लेकर शाही फालुदा 110 रुपए (पर प्लेट) तक मिलता है।

क्वालिटी से नहीं करते समझौता
बंटी यादव बताते हैं कि कस्टमर को रोजाना फ्रेश माल ही खिलाते हैं। बासी माल बेचने का हमारा मन ही नहीं करता। क्योंकि हम खुद ही बासी चीज नहीं खाते तो कस्टमर को कैसे खिला सकते हैं। हम अपनी क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करते। यहां छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आते हैं। हमारे यहां फॉरेन के लोग भी कुल्फी खाने आते हैं। इंदौर की ये रात्रिकालीन सराफा चौपाटी वर्ल्ड फेमस जगह है। अगर बासी माल देंगे तो हमारे बाजार की गरिमा खराब होती है। रोजाना बनने वाला माल रात में ही बिकता है, अगले दिन इसका यूज नहीं होता।

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