असोथर/फतेहपुर। नगर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर नगर पंचायत प्रशासन बिल्कुल भी संजीदा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग व नगर पंचायत के जिम्मेदार अफसरों के कानों में जंू तक नहीं रेग रही है जबकि एक दर्जन से अधिक लोग डेंगू मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नवरात्र के बाद से फॉगिंग मशीन से सिर्फ पंद्रह दिनों में एक दिन गाड़ी में बैठ कर मेन रोड में घूमते हुए निकल जायेगी। बाकी गलियों में फॉगिंग मशीन से छिड़काव नहीं किया जाता। कस्बे में दर्जनों तालाब स्थित होने के कारण समस्या और बढ़ रही है। यहां के निवासियों को इसका कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। नगर पंचायत के महादेवन टोला, मुराइनडेरा आदि मुहल्ले में डेंगू व मलेरिया आदि से दर्जनों पीड़ित हैं। मोटे महादेवन मुहल्ला के रहने वाले भाजपा के बूथ अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह उर्फ मन्नू डेंगू से पीड़ित हैं। जिनका उपचार शहर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। इसी प्रकार मोटे महादेवन मुहल्ला निवासी शैलेश सिंह चौहान उर्फ पप्पू सिंह का बेटे का 15 दिनों से कानपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इसी प्रकार मेशु, रामकुमार, अमित कुमार आदि भी बुखार से ग्रसित हैं। बुखार से पीड़ित दर्जनों झोलाछाप के यहां भी इलाज करवा रहे हैं। मच्छरों का प्रकोप बरसात के बाद एकाएक बढ़ता है। कस्बावासियों ने फॉगिंग कराए जाने की मांग की है। इस संबंध में नवसृजित नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी हरगेन्द्र प्रताप सिंह से अगर कोई मिलने जाता है तो ये अपने ऑफिस में नहीं मिलते। अगर फोन किया जाता है तो ग्रामीणों के फोन उठाना मुनाजीब नहीं समझते। विभागीय सूत्रों की मानें तो नगर पंचायत में दो छोटी फॉगिंग मशीन सहित चार पिट्ठू मशीनें हैं। जिसमे फॉगिंग मशीन सिर्फ एक ही चलती है। चार पिट्ठू मशीनें होने के बावजूद दो मशीनों का यूज होता है बाकी शो पीस बनी हुई है। जब ग्रामीणों से बातचीत की गई तो लोगों का कहना था कि नगर पंचायत में जल्दी सफाई करने कोई नहीं आता। अगर आया भी तो फिर वह 15-20 दिनों बाद आता है।