दिवाली पर पटाखों के जश्न से जहरीली हुई हवा, बढ़ने लगे सांस के रोगी

 

 

मेरठ. भले ही दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण की बढ़ती मात्रा को देखते हुए एनजीटी द्वारा पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई थी. उसके बावजूद भी दीपावली पर जमकर पटाखों की बिक्री हुई और उसके बाद आसमान में पटाखों की रंग बिरंगी रोशनी दिखाई दी. इससे मेरठ शहर में प्रदूषण बढ़ गया है. पॉल्यूशन विभाग के अनुसार, मेरठ में AQI 277 पार हो चुका है.

एनजीटी के आदेश के बाद मेरठ जिला प्रशासन द्वारा जहां भी पटाखों की बिक्री की जा रही थी, वहां बड़ी मात्रा में छापा मारकर दुकानों से पटाखे जब्त किए गए. इसके बावजूद भी शहर भर में बड़ी संख्या में पटाखे छोड़े गए. आसमान रंग-बिरंगे पटाखों की रोशनी से जगमग दिखाई दिया. वहीं, पटाखों से निकलने वाले धुएं की वजह से सुबह के समय धुंध देखने को मिली, मानो जैसे हर तरफ कोहरा छा गया हो.

पॉल्यूशन से बढ़ रही सांस की दिक्कत
मेरठ के किडनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर संदीप गर्ग ने बताया कि जिस प्रकार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. उसका असर भी जमीनी स्तर पर देखने को मिल रहा है. अस्पतालों में दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं, पहले के मुकाबले अधिक मात्रा में सांस की दवाइयों की भी डिमांड बढ़ी है.

निगम की टीम कर रही है छिड़काव
जिस तरीके से सड़क पर धुंध उड़ रही है. उसको रोकने के लिए भी मेरठ नगर निगम की टीम शहर भर के प्रमुख सड़कों पर पानी का छिड़काव करते नजर आ रही है, जिससे जो धुंध है वह ना उठे. वहीं, अन्य प्रकार के सभी उपायों को भी किया जा रहा है, ताकि वायु प्रदूषण का जो स्तर बढ़ रहा है. उसको सामान्य किया जा सके.

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