वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के बहाने अपना नम्बर बढ़ाने मे लगे दावेदार निकाय चुनाव की सरगर्मिया हुई तेज़, दलों के अलावा निर्दलीयों ने सभाला मोर्चा
फ़तेहपुर। नगरीय निकाय चुनाव के नजदीकी भांप कर जहां चुनाव लड़ने के लिये दलों से सम्बंधित दावेदार मैदान में दिखाई देने लगे है वही निर्दलीयों ने भी ताल ठोककर खुद की दावेदारी पेश करते हुए नज़र आ रहे है। हालांकि अभी निकायों का न तो परिसीमन आया है और न ही तिथियां घोषित की है। लेकिन फिर भी चुनाव लड़ने की हसरत रखने वाले नेता जमकर पसीना बहा रहे है। जनपद में सदर की नगर पालिका परिषद व बिंदकी की नगर पालिका समेत दो नगर पालिका है वही खागा, जहानाबाद, किशनपुर, बहुआ व हथगाम समेत पांच नगर पंचायत है हाल ही में असोथर नगर पंचायत नव सृजित को मिलाकर जनपद में छह नगर पंचायत व दो नगर पालिका परिषद का चुनाव होना है। निकाय चुनाव की नजदीकी को देखते हुए दावेदारों की सरगर्मियां तेज़ हो गयी है जगह-जगह सपा, बसपा, भाजपा समेत निर्दलीयों ने त्योहारों की शुभकामनायंे देने वाले पोस्टर नज़र आ रहे है। जनपद में एक नवम्बर से 4 नवम्बर तक वोटर लिस्ट में छूटे हुए नाम सम्मिलित काराये जाने के लिये अभियान चालाया जाना है। जिसके लिये बीएलओ बूथ पर रहकर नाम बढ़ाने के फार्म एकत्र करेगंे। निकाय चुनाव की तैयारियों में सबसे अधिक सरगर्मियों सभासद के प्रत्याशियों में देखने को मिल रही है। वर्तमान सभासद एवं चेयरमैन जहां पूर्व से स्वीकृत अपने-अपने कार्याे को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिये दिन रात एक किये हुए है। पहली बार चुनाव मैदान में उतरने का ख्वाब देख रहे भावी प्रत्याशी भी जहा अपनी दाबेदारी पक्की करने व सीट जीतने की जुगत में वोटर लिस्ट में छूटे हुए एक-एक वोटर के फार्म भरवाने में लगे है। खुद को जुझारू दिखाने के चक्कर मे निकायों के रूटीन कार्याे को भी खुद खड़े होकर करवाकर उसकी फोटो सोशल मीडिया के ज़रिए पोस्ट करके खुद को जुझारू साबित करने में लगें हुए नज़र आ रहे है। नगरों की गलिया हो या मुख्य सड़क यही हाल नगर पंचायतों के क्षेत्रों का भी है जहाँ की सड़कों गलियों में नेताओ के पोस्टरों की बाढ़ नज़र आ रही है। भावी उम्मीदवार गलियों के नुक्कड़ से लेकर चाय पान के खोमचे एवं बैठने की जगह पर निरंतर हाजरी देकर खुद को प्रत्याशी के तौर पर लोगो को बताने मे लगें हुए है। इस तरह की बेचौनी देखकर बेसाख्ता लोगो के मुंह से निकल जाता है कि अभी तो निकायों का न तो परिसीमन आया है और न ही तिथियां ही घोषित हुई है। परन्तु प्रत्याशियों की बेचौनी देखते बन रही है।