पाकिस्तान से भारत पर वायरस ‘अटैक’ का खतरा, पड़ोस में फैला पोलियो, राजस्थान में रिस्क ज्यादा; कोरोना से 4 गुना खतरनाक

 

 

जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस को काबू करने में जुटी थी, उसी बीच उसका ध्यान एक ऐसे जानलेवा वायरस से हट गया, जो साइज में तो कोरोना से 4 गुना छोटा है, लेकिन उससे 4 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है। इस वायरस का नाम है पोलियो, जिससे हजारों सालों से इंसानों की जंग जारी है। अफगानिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात और पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से दोनों देशों में इस साल पोलियो के मामले बढ़ गए हैं। जिससे भारत में खासकर बॉर्डर से सटे राजस्थान में भी वायरस के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।

आज जब लग रहा था कि हम इस वायरस से जंग जीतने के करीब हैं और पूरी धरती से इसका नामोनिशान मिटने ही वाला है, तब अचानक एक बार फिर अमेरिका, यूरोप से लेकर भारत तक पोलियो का खौफ बढ़ गया है। वायरस मिलने के बाद न्यूयॉर्क इमर्जेंसी डिक्लेयर कर चुका है। डर है कि कहीं यह बाजी पलट न जाए।

पूरी दुनिया में क्यों बजी खतरे की घंटी

2022 में न्यूयॉर्क के 3 जिलों (काउंटी) के सीवेज वॉटर में पोलियो वायरस पाया गया है। पहला केस जुलाई में सामने आया, जिसमें 20 साल के एक युवक को पैरों को लकवा मार गया। इससे पहले जून में लंदन में भी सीवेज वॉटर में पोलियो वायरस पाया गया था। अमेरिका में पोलियो से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है।

दूसरे देशों में भी वायरस से बचाव के लिए तैयारियां जारी हैं। कोलकाता में भी सीवेज में यह वायरस पाया गया है। वहीं, 2022 में 25 अक्टूबर तक पाकिस्तान में पोलियो के 20 और अफगानिस्तान में 2 मामले सामने आ चुके थे। बता दें कि दुनिया भर में पोलियो के लिए बने सर्विलांस सिस्टम में सीवर के पानी का सैंपल लेकर उसकी टेस्टिंग की जाती है।

 कोविड की वजह से करोड़ों बच्चों को नहीं मिल सकी दवा

UNICEF8 के मुताबिक कोविड की वजह से पूरी दुनिया का ध्यान उससे लड़ने में लगा था। ऐसे में दुनियाभर में 2.3 करोड़ बच्चों को समय पर पोलियो की दवा नहीं मिल सकी। इनमें पाकिस्तान और भारत के 40 लाख बच्चे भी शामिल हैं। वैक्सीनेशन नहीं हो सका तो वायरस से लड़ने के लिए लोगों की इम्युनिटी भी कमजोर हो गई और वायरस फैलने लगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.