दुनिया की अग्रणी टेक कंपनी गूगल (Google) को अमेरिका में लोकेशन ट्रैकिंग केस में बड़ा झटका लगा है। अमेरिका के 40 राज्यों के साथ उसने इस केस के निपटारे के लिए एक समझौता किया है। इसके तहत मिशीगन समेत 40 राज्यों को गूगल 40 करोड़ डॉलर (32 अरब रुपये से ज्यादा) का हर्जाना चुकाएगा।
जांच में गूगल को अमेरिकी लोकेशन ट्रैकिंग नियमों के उल्लंघन कर उपभोक्ताओं को गुमराह करने का दोषी माना गया है। मिशिगन की अटॉर्नी जनरल डाना नेसेल के कार्यालय ने सोमवार को बताया कि टेक कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को गुमराह करने के कारण 40 अमेरिकी राज्यों ने उसके साथ करीब 40 करोड़ डॉलर (391.5 million USD) का समझौता किया है। यह एटॉर्नी जनरलों के साथ किया गया अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा बहुराज्यीय निजता समझौता (multistate privacy settlement) है।
नेसेल के अनुसार गूगल को ज्यादातर कमाई या राजस्व (Google revenue) उसके ब्राउजर या एप्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों के निजी डाटा के इस्तेमाल से होती है। निजता कानूनों के उल्लंघन के कारण गूगल ने मिशीगन समेत 40 राज्यों के एटॉर्नी जनरलों के साथ यह करार किया है। मिशीगन के एटॉर्नी जनरल कार्यालय के अनुसार गूगल यूजर्स या उपभोक्ताओं को जानकारी दिए बगैर या उनकी अनुमति के बिना उनकी लोकेशन की ट्रैकिंग कर उसका निजी हित में इस्तेमाल करता है।
टेक कंपनियों पर लगा भारी जुर्माना
पिछले कुछ वर्षों में गूगल (Google), अमेजन (Amazon) और अन्य अमेरिकी टेक महारथी कंपनियों को विश्व स्तर पर कई देशों में सख्त नियमों का सामना करना पड़ा है। इन पर गोपनीयता या निजता नियमों के उल्लंघन के कारण भारी जुर्माना लगाया गया है।
बगैर इजाजत लोकेशन ट्रैकिंग नहीं कर सकेगा गूगल
ऑनलाइन पहुंच के कारण गूगल यूजर्स की इजाजत के बगैर या उन्हें जानकारी दिए बगैर उनकी लोकेशन ट्रैकिंग करता है और उसका निजी हित में इस्तेमाल करता है। इस समझौते के कारण उसे अब इस मामले में पारदर्शिता लाना होगी। उसे लोकेशन डाटा को लेकर यूजर्स को जागरूक करना होगा और उन्हें बताना होगा कि उनके लोकेशन डाटा का वह इस्तेमाल कर रहा है। यदि ग्राहक या यूजर्स लोकेशन ट्रैकिंग की इजाजत नहीं देंगे तो गूगल ऐसा नहीं कर सकेगा।