Youtube देखकर पिया जूस, हुई मौत, आप भी Video देखकर करते हैं इलाज, तो संभल जाएं

 

 

मम्मी-पापा, नाना-नानी, चाचा-चाची, सब पर यूट्यूब का भूत सवार है। जब देखो वो फोन पर नजरें गड़ाए वीडियो देख रहे हैं। कोई ग्रह-नक्षत्र ठीक करने का तरीका सीख रहा है तो कोई कमर दर्द और सिर दर्द से निजात पाने का।

यही नहीं ये सारे लोग सिर्फ वीडियो देखकर खुद पर नुस्खा नहीं आजमां रहे हैं बल्कि परिवार के दूसरे लोगों को फारवर्ड कर खुद को ज्ञानी भी बता रहे हैं।

मेरे एक मौसाजी हैं। बनारस में रहते हैं। फैमिली ग्रुप पर जब देखो एक नुस्खा चिपका देते हैं। हाल ही में मैं जब बीमार हुई तो उनका फोन आया। मेरे हेलो बोलते ही वे सामने से बोल पड़े- तुम्हें एसिडिटी की प्रॉब्लम है न, मैंने एक उपाय भेजा था, उसे क्यों नहीं ट्राई किया?

उनके यूट्यबिया ज्ञान का सुख परिवार का हर सदस्य ‘भोग’ रहा है। भोग का मतलब समझ रहे हैं न आप। एक बार बुखार के लिए मौसी को पता नहीं कौन सी दवाई बनाकर दे दी कि मौसी की हालत ही गंभीर हो गई।

मेरे मौसाजी की तरह पक्का आपके घर पर भी कोई न कोई व्यक्ति होगा। तो उनके इंटरनेट या यूट्यबिया ज्ञान को अपनाने से पहले ये 2 मामले पढ़ लीजिए-

पहला मामला इंदौर का है-
कुछ दिन पहले धर्मेन्द्र नाम के एक व्यक्ति के हाथ में चोट लगी थी। उसे काफी दर्द था। उसने अपने इलाके के एक डॉक्टर से इलाज कराया, लेकिन वो ठीक नहीं हुआ। फिर धर्मेंद्र ने यूट्यूब का सहारा लिया। उसे एक वीडियो मिला। जिसमें बताया गया था कि जंगली लौकी का जूस पीने से शरीर से किसी भी तरह का दर्द चला जाता है। धर्मेंद्र खुद जंगल से लौकी लाया, जूस निकाला और पी लिया। उसे उल्टी-दस्त शुरू हुए। परिवार वाले उसे अस्पताल लेकर गए और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

दूसरा मामला पटना से है-
गोला रोड का 11 साल का राहुल (बदला हुआ नाम) अपने स्कूल बैग के वजन से परेशान रहता था। सुबह-शाम 8 से 9 किलो का बैग लेकर स्कूल आने जाने में पसीना छूट जाता था। कुछ महीने पहले उसकी गर्दन में बैग के बोझ से अकड़न महसूस हुई। यूट्यूब पर वीडियो देखकर घर पर ही योग करके उसे ठीक करने की कोशिश करने लगा। बच्चे ने 15 दिन तक बिना किसी देख-रेख में शीर्षासन और अन्य एक्सरसाइज की, लेकिन उसकी गर्दन पूरी तरह से टेढ़ी हो गई।

राहुल को देखकर स्कूल से लेकर मोहल्ले तक के बच्चे पुष्पा फिल्म का डायलॉग, झुकेगा नहीं कहकर उसे चिढ़ाने लगे। फिर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में डेढ़ महीने तक इलाज के बाद उसकी गर्दन अब सीधी हुई है।

यूट्यबिया और इंटरनेट वाले ज्ञान से होती है मरीज और डॉक्टर दोनों को परेशानी:
मैक्स हॉस्पिटल के एडवाइजर और डायरेक्टर (इंटरनल मेडिसिन) डॉ.राजीव डैंग कहते हैं कि आजकल हर दूसरा पेशेंट इंटरनेट और यूट्यूब से कुछ न कुछ देखकर या पढ़कर आता है। फिर वैसा ही सोचता है, हमारी सलाह के बीच में टोक कर हमें ही बताता हैं कि डॉक्टर साहब मैंने तो ऐसा पढ़ा था यूट्यूब पर। कई बार तो अपना इलाज भी कर लेते हैं और केस बिगड़ने के बाद हमारे पास आते हैं।

यूट्यूब से इलाज ढूंढने के बाद लोग ये करते हैं

  • छोटी-मोटी दवाइयां लेते हैं।
  • बेफिजूल के सवाल करते हैं।
  • जिद करके टेस्ट भी करवाते हैं।
  • खुद को दवाइयों का विशेषज्ञ मानने लगते हैं।
  • कुछ लोग सीधे कह देते हैं कि हमें कैंसर हो गया है।

लोग इंटरनेट से वीडियो देखकर सर्जरी और डिलीवरी करना सीख रहे हैं
जुलाई के महीने में एक पति-पत्नी ने इंटरनेट पर वीडियो देखकर घर पर ही डिलीवरी करने का फैसला किया। इसकी वजह से बच्चे की जान चली गई और कॉम्पलिकेशन के कारण मां की भी मौत हो गई। पुलिस ने महिला के पति को गिरफ्तार कर लिया था।

डॉ. मधु गोयल, फॉर्टिस ला फेम, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट की बात पढ़ लें…
हमारे पास आने वाले कई कपल नॉर्मल डिलीवरी की जगह सर्जरी कराना चाहते हैं। उनका कहना होता है कि वो नॉर्मल डिलीवरी देखकर डर गए हैं।

ऐसे लोग इंटरनेट पर कॉम्प्लिकेशन्स पढ़कर डर जाते हैं और हमारे पास इस तरह की बातें करने लगते हैं। जब से 3 इडियट्स फिल्म में दिखाया गया है कि इंटरनेट पर देखकर डिलीवरी हो सकती है तब से बहुत से मरीज इसे बहुत आसान समझने लगे हैं। इसकी वजह से जब कोई कॉम्प्लिकेशन हो जाता है तो मां और बच्चे की दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है।

सवाल- क्या किसी भी बीमारी के बारे में आम इंसान को इंटरनेट या यूट्यूब में सर्च बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए?
जवाब-
 ऐसा नहीं है। हम पेशेंट्स को बीमारी के बारे में जानकारी लेने से मना नहीं करते हैं, लेकिन इंटरनेट या यूट्यूब पर मिली जानकारी का अपने तरीके से मतलब निकालना सही नहीं है। इससे पेशेंट और डॉक्टर दोनों परेशान होते हैं। कई सालों की पढ़ाई के बाद कोई व्यक्ति डॉक्टर बनता है और बीमारी का इलाज करता है। आप कुछ घंटे में ही एक बीमारी के बारे में कैसे सब कुछ जान या समझ सकते हैं।

सवाल- अगर पेशेंट इंटरनेट या यूट्यूब पर अपनी बीमारी के बारे में सर्च करके डॉक्टर के पास जाना चाहे, तो उसे अपना दिमाग कैसे रखना चाहिए?
जवाब- 
आप भरोसे के साथ डॉक्टर के पास जाइए। जब आप डॉक्टर पर भरोसा दिखाएंगे, तभी इलाज भी हो पाएगा। आप दूसरे डॉक्टर की सलाह ले लीजिए, लेकिन इंटरनेट के आधार पर फैसला न लें।

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