नवरात्र में मांस-मछली दुकानदारों की पालिका ने छीनी रोजी: राजेश – सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना में हुआ खुलासा – पालिका बोर्ड ने अपनी मर्जी से पिटवाई थी डुग्गी
फतेहपुर। शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक शहर क्षेत्र की सभी मांस-मछली की दुकानें बंद डुग्गी पिटवाकर बंद कराये जाने के मामले में बहुजन समाज पार्टी के नेता राजेश कुमार एडवोकेट ने सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी थी। जिसमें बताया गया कि इस तरह का कोई आदेश डीएम की ओर से जारी नहीं किया गया था। पालिका ने अपनी मर्जी से डुग्गी पिटवाकर दुकानें बंद करवाई थीं। इस पर बसपा नेता ने नाराजगी का इजहार किया।
रविवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बसपा नेता राजेश कुमार एडवोकेट ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर सभासदों तक अपना प्रतिनिधि चुनने में छोटे-छोटे दुकानदारों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। घंटों लाइन में लगकर इन्होने वोट दिया। उसके बदले में इनकी रोटी छीनने का काम नगर पालिका बोर्ड ने किया। उन्होने बताया कि शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक शहर क्षेत्र की सभी मांस-मछली की दुकानें पालिका की ओर से बंद करवाई गई थीं। इन नौ दिनों तक छोटे-छोटे दुकानदारों के घरों के चूल्हे बुझे रहे। रोज काने खाने वालों का जीवन यापन कैसे हो रहा है यह पूछने के लिए पालिका का कोई भी जनप्रतिनिधि इन छोटे व्यापारियों के पास नहीं गया। उन्होने कहा कि इस तरह का आदेश नगर पालिका परिषद की ओर से जारी किया जाना समझ से परे है। आखिर पालिका बोर्ड जनता को क्या संदेश देना चाहता था यह भी किसी के समझ में नहीं आ रहा है। इस मामले को लेकर उन्होने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय से सूचना मांगी थी कि यह आदेश किसकी ओर से जारी किया गया था। यदि डीएम ने यह आदेश दिया था तो इस आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये। जवाब में सहायक आयुक्त खाद्य ने बताया कि इस तरह का कोई आदेश जिला प्रशासन की ओर से नहीं दिया गया था। नगर पालिका बोर्ड ने स्वयं यह डुग्गी अपनी मर्जी से पिटवाकर दुकानों का संचालन नौ दिनों के लिए बंद कराया था। उन्होने कहा कि पालिका बोर्ड की इस हठधर्मिता से छोटे दुकानदारों को बेहद नुकसान हुआ है। जिसका जवाब पालिका को देना होगा।