पश्चिमी दिल्ली के पालम इलाके में मंगलवार रात हुई वारदात से पूरी राजधानी दहल गई है। चौहरे हत्याकांड के आरोपी केशव ने जिस बेरहमी से अपने माता-पिता, बहन व दादी की गला रेतकर हत्या की है, उससे हर कोई सोचने पर मजबूर है कि आखिर कैसे कोई अपना इस तरह की दरिंदगी कर सकता है। केशव ने बाथरूम में माता-पिता को बेरहमी से मार डाला। वहीं उसकी बहन की लाश कमरे में फर्श पर पड़ी थी और दादी का शव बिस्तर पर पड़ा था। जांच में सामने आया है कि आरोपी ने परिजनों की हत्या की योजना पहले से बना रखी थी। इसके लिए आरोपी ने बड़े चाकू का भी इंतजाम किया था।
पालम स्थित राजनगर पार्ट-2 में बुधवार सुबह सन्नाटा पसरा हुआ था। लोग जगह-जगह समूह बनाकर बस चारों लोगों की हत्या का ही जिक्र कर रहे थे। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था कि भला एक बेटा जन्म देने वाले माता-पिता और बहन-दादी की हत्या कैसे कर सकता है। एक साथ चार लोगों की मौत से परिवार गहरे सदमे में है।
पूछताछ में सामने आया है कि केशव अक्सर बाकी परिजनों से भी गाली-गलौज करता था। मंगलवार सुबह रुपयों को लेकर केशव मां से झगड़ा भी हुआ था।
परिजनों ने बताया कि जिस पोते से दादी सबसे अधिक प्यार करती थी, उसने उन्हें भी नहीं छोड़ा। दीवानो देवी अक्सर केशव को चुपचाप रुपये दे देती थीं। कई दिन बाद जब केशव घर आया था तो वह खुद को रोक नहीं सकीं और उससे मिलने के लिए छोटे बेटे दिनेश के घर चली गईं।
फिलहाल दो दिनों से वह वहीं रुकी हुई थीं। अब बड़े बेटे चंद्रपाल को मलाल है कि मां क्यों उनका घर छोड़कर छोटे भाई के यहां चली गई थी। दिनेश के पिता रामानंद शर्मा दिल्ली के बड़े वेटनरी डॉक्टर थे। उनका इलाके में खासा नाम था।
चंद्रपाल ने भी पिता के कहने पर वेटनरी डॉक्टर की पढ़ाई की। वर्ष 2014-15 में रामानंद शर्मा की मौत हुई तो बड़े बेटे ईश्वर सिंह ने अलग मकान बना लिया। वह गली में दो-तीन मकान छोड़कर ही रहते हैं।
चंद्रपाल और दिनेश एक ही मकान में पहली और दूसरी मंजिल पर रहते थे। दीवानो देवी कुछ-कुछ समय के लिए अपने तीनों ही बेटों के पास रुकती थीं। मां और भाई के परिवार की मौत के बाद से सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने बुधवार देर शाम को शव पोस्टमार्टम कराने के बाद परिवार के हवाले कर दिए। बाद में सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।