फतेहपुर। कानूनों में सुधार सहित अन्य मांगों को लेकर सिविल अधिवक्ता मंच के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री को संबोधित पंद्रह सूत्रीय ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपकर मांगे पूरी किये जाने की आवाज उठाई।
गुरूवार को सिविल अधिवक्ता मंच के प्रांत संयोजक आरपी मौर्य एडवोकेट की अगुवाई में पदाधिकारी व वादकारी कलेक्ट्रेट आये। जहां पीएम को संबोधित एक ज्ञापन सौंपकर मांग उठाई कि कानूनों में सुधार के लिए प्रैक्टिसिंग जिला स्तरीय अधिवक्ताओं की विधानसभा व लोकसभा में विधि मंत्रालय के सहयोग हेतु तत्काल समिति नामित की जाये ताकि समिति सुझा दे, प्रदेश में कम से कम बीस प्रतिशत सांसद व विधायक लोकसभा व विधानसभा में दलों द्वारा भेजे जाएं जो कानून बनवां सकें, ब्रिटिश काल से चले आ रहे साक्ष्य, सा.पी.सी.आई.पी.सी., सी.आर.पी.सी. में तुरंत संशोधन किया जाये, मुकदमों में फैसले में समय सीमा केस के नेचर अनुसार निर्धारित की जाये, वर्तमान में पैरवी, तलवाना, साक्ष्यतलवी वारिसों को सूचना तलवी रिपोर्ट, पत्रावली तलवी आदि में दस-दस वर्ष बीत जाते हैं जिस पर जनता त्रस्त है अदालतें मस्त हैं, इस पर सुधार हो, न्यायिक अधिकारियों के कार्यों में चेकिंग व्यवस्था लागू हो, पेंडिंग वादों व अपील पर तुरंत सुनवाई अनिवार्य की जाये, तारीख पर तारीख बढ़ाने पर अदालत द्वारा वादकारियों को खर्च किराया देना अनिवार्य किया जाये, राजस्व, श्रम, उपभोक्ता, टैक्सेशन या अन्य न्यायालयों में उपरोक्त नियम लागू किये जायें, उच्च न्यायालय से जिला न्यायालयों तक गुप्त योजना के चलते विगत दस वर्षों से स्थगन, बेल, अंतिम ट्रायल जो लोक अदालत आदि के नाम से बंद पड़े हैं उन्हें मेरिट पर करने के लिए आदेशित किया जाये, न्यायालयों में कार्य का कोटा केवल कंटेस्टेड वादों पर लागू हो, न्यायालयों में प्रतिदिन उतने ही केस लगाये जायें जितने होना संभव हो, नये अधिवक्ताओं को दो वर्ष की जूनियर शिप अनिवार्य करते हुए सरकार से दस हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय देना लागू किया जाये। इसके अलावा अन्य मांग भी शामिल रही। इस मौके पर धर्मेंद्र कुमार मौर्य, हरीराम, इंद्रजीत, जसवंत सिंह एडवोकेट, छोटेलाल, राम सिंह, महेंद्र सिंह, अशोक कुमार, श्यामलाल, इंद्रजीत सिंह, श्रीचंद्र कुशवाहा, रामशंकर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।