सीओ के वाहन में टक्कर मारने वाले की जमानत मंजूर – प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता शास्वत गर्ग ने जोरदारी से रखीं दलीलें
फतेहपुर। क्षेत्राधिकारी बिंदकी के सरकारी वाहन में छिवली नदी के पास टक्कर मारने वाले ट्रक चालक की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश ने प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता शास्वत गर्ग की दलीलों को ध्यान में रखते हुए आरोपी की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।
बताते चलें कि वादी मुकदमा बकेवर थाने के हेड कांस्टेबल चालक मुन्नूलाल ने तीन नवंबर को संबंधित थाना औंग पर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी ड्यूटी क्षेत्राधिकारी बिंदकी के साथ थी। वह सरकारी वाहन यूपी-71जी/0340 चला रहा था। इसी दिन मुखबिर ने सूचना दिया कि ट्रक नं. यूपी-71टी/2848 में प्रतिबंधित गोवंशीय पशु लादकर वध हेतु फतेहपुर से कानपुर की ओर जा रहा है। सूचना पर सीओ बिंदकी समेत अन्य पुलिस कर्मी छिवली नदी पहुंचे। जहां उक्त ट्रक आता दिखाई दिया। जब रोकने का प्रयास किया तो ट्रक चालक ने सरकारी वाहन पर जान से मारने की नियत से टक्कर मार दी और भाग निकला। ट्रक में गोवंश ठूंस-ठूंसकर भरे थे। घटना की सूचना आगे के थाने को दी गई। अगले दिन पुलिस ने ट्रक व उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया लेकिन कोई बरामदगी नहीं हुई। पुलिस ने ट्रक चालक अरूण कुमार उर्फ पांडा का मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया। प्रतिवादी ट्रक चालक अरूण कुमार ने जमानत की अर्जी अपने अधिवक्ता शास्वत गर्ग के जरिये जिला सत्र न्यायाधीश के यहां पेश की। अधिवक्ता श्री गर्ग ने तर्क रखा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट के सभी तथ्य फर्जी व मनगंढ़त हैं। आरोपी निर्दोष है। उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। प्राथमिकी अज्ञात में पंजीकृत हुई है और आवेदक को रंजिशन नामित किया गया है। आरोपी ट्रक चालक है कथित घटना के दिन वह वाहन से उन्नाव जा रहा था। पीछे से क्षेत्राधिकारी का वाहन तेजी व लापरवाही से उत्तरी दिशा से उसकी गाड़ी को ओवरटेक कर रहा था। जिस पर उसने रास्ता दिया। उसके आगे गाड़ी लगी थी और वादी मुकदमा हेड कांस्टेबल ने गाड़ी में टक्कर मार दी। जिससे सीओ का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। सीओ इससे नाराज हो गये और गाड़ी के कागज मांगे। डीएल मोबाइल पर था। जिसे दिखाया लेकिन पुलिस कर्मी नहीं माने और कहासुनी होने लगी। अधिवक्ता ने बताया कि ट्रक से किसी प्रकार की कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। उधर वादी पक्ष के सरकारी अधिवक्ता ने भी अपनी दलीले विद्वान न्यायाधीश के समक्ष रखीं। अधिवक्ता शास्वत गर्ग के तर्कों को ध्यान में रखते हुए जिला जज रणंजय कुमार ने आरोपी की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।