मौसम में बदलाव होते ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्थित सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है. आम दिनों की अगर बात करें तो 500 से 600 ओपीडी रोज होती थीं, लेकिन अब बढ़कर 2000 से ज्यादा पहुंच चुकी हैं. अस्पताल आने वाले सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम और डेंगू के हैं. शहर में डेंगू के मामले भी बढ़ रहे हैं और डेंगू मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है.
इन दिनों बेस अस्पताल में रोजाना 2000 से ज्यादा ओपीडी हो रही हैं. अस्पताल के फिजिशन डॉक्टर जितेंद्र भट्ट ने बताया कि सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम, पीलिया और टाइफाइड के आ रहे हैं. डेंगू के भी रोज करीब 10 मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, जिन मरीजों का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है, उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. अस्पताल में सभी दवाइयां उपलब्ध हैं. सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
हालांकि हल्द्वानी के बेस अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के रुकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. लिहाजा वे लोग गलियारे या फिर अस्पताल परिसर में अन्य जगहों पर ठहरने को मजबूर हैं. गंभीर मरीजों को राजकीय सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया जाता है.
बता दें कि कुमाऊं भर से इलाज के लिए लोग हल्द्वानी के बेस अस्पताल आते हैं. कुमाऊं के पहाड़ी जिलों की बात करें तो यहां से रेफर होने वाले ज्यादातर मरीजों को हल्द्वानी ही भेजा जाता है. शहर में स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल है. यह अस्पताल सभी सुविधाओं से लैस हैं और यहां इलाज भी बेहद सस्ता है. यहां ओपीडी का पर्चा सिर्फ 5 रुपये का है. हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध इस अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम मरीजों का बेहतरी से इलाज करती है.