न मर्डर वेपन मिला, न श्रद्धा का शव, पुलिस इन 3 तरीकों से जुटाएगी सबूत, जिसके आधार पर आफताब को मिलेगी सजा

 

 

श्रद्धा वॉकर की हत्या में आफताब अमीन पूनावाला को गिरफ्तार हुए 4 दिन हो गए हैं, लेकिन पुलिस के पास आफताब के हत्या के कबूलनामे के अलावा इंसानी लाश के कुछ टुकड़े ही है। पुलिस को अब तक मर्डर वेपन के साथ ही श्रद्धा का मोबाइल भी नहीं मिला। यानी पुलिस के पास हत्या को साबित करने के लिए ठोस सबूतों का अभाव है।

जवाब : श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस को महरौली के जंगल से अब तक इंसानी शव के 10 से ज्यादा टुकड़े मिले हैं। पुलिस ने DNA टेस्ट के लिए इन्हें FSL में भेज दिया। साथ ही पुलिस के पास आफताब का श्रद्धा की हत्या का कबूलनामा है।

इसके साथ ही श्रद्धा के कुछ दोस्तों से भी पुलिस को अहम सबूत मिले हैं, लेकिन अभी तक हत्या में इस्तेमाल की गई आरी या चाकू नहीं मिला है। आफताब ने श्रद्धा का फोन महाराष्ट्र में फेंक दिया था, जो अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है।

सवाल-2: क्या अभी तक पुलिस को मिले सबूत आफताब को हत्यारा साबित करने के लिए काफी हैं?

जवाब : सुप्रीम कोर्ट के वकील और ‘रेप लॉ एंड डेथ पेनल्टी’ के लेखक विराग गुप्ता कहते हैं कि किसी भी अपराधी या अभियुक्त को सजा दिलाने के लिए कम्प्लीट चेन ऑफ इवेंट्स का होना जरूरी होता है।

1984 में शरद विर्विचंद शारदा वर्सेस स्टेट ऑफ महाराष्ट्र केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सजा देने के लिए संदेह के दायरे से परे पूरा केस पुष्ट होना चाहिए। ताकि संदेह का लाभ अपराधी को नहीं मिले। इसी बेस पर छावला गैंगरेप-मर्डर केस में हाल में अपराधियों की रिहाई हुई थी।

यानी सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट और IPC या CRPC के प्रावधानों के अनुसार ये किसी भी मामले में लागू होता है। ये नियम श्रद्धा की हत्या के मामले में भी लागू होगा।

सवाल-3: महज कुछ हड्डियों से कैसे पता लगेगा कि ये श्रद्धा की ही हैं?

जवाब : श्रद्धा की हत्या के बाद लाश के जो भी टुकड़े मिले हैं उनका DNA टेस्ट होगा। इसमें देखा जाएगा कि जो टुकड़े मिले हैं वो महिला के हैं या पुरुष के।

यदि यह टुकड़ा महिला का होगा तो इसके बाद श्रद्धा के माता-पिता के DNA से इसे मैच कराया जाएगा। यदि DNA श्रद्धा के माता-पिता से मैच कर जाता है तो साबित हो जाएगा कि जो टुकड़े मिले हैं वो श्रद्धा के ही हैं। यानी DNA टेस्ट मृतक की पहचान करने का अहम टूल है।

 शीना बोरा हत्याकांड में इंद्राणी को सजा दिलाने में अहम वजह बना था DNA टेस्ट

मुंबई के शीना बोरा मर्डर केस में भी DNA टेस्ट अहम कड़ी साबित हुआ था। शीना की 24 अप्रैल 2012 को गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी और उसके शव को जला दिया गया था।

मुंबई पुलिस को रायगढ़ जिले से शीना की कुछ हड्डिया मिली थीं। पुलिस ने मुंबई में कलीना स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी यानी FSL में इसका DNA टेस्ट कराया था। इस दौरान पता चला कि जो हडि्डयां मिली हैं वो एक महिला की हैं। साथ ही इंद्राणी मुखर्जी मृत महिला की बायोलॉजिकल मां हैं। इससे यह सिद्ध हुआ कि हड्डियां शीना की थीं।

DNA फिंगरप्रिंट फुलप्रूफ सबूत होता है और कोर्ट में यह पूरी तरह से मान्य है। FSL अफसर कहते हैं कि इसी वजह से आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बनाने में मदद मिली थी।

सवाल-4: मर्डर में इस्तेमाल चाकू नहीं मिलने से क्या फर्क पड़ेगा?

जवाब : विराग कहते हैं कि क्योंकि श्रद्धा के शव के कई टुकड़े किए गए और सारे टुकड़े जोड़ना मुश्किल है, इसलिए अगर हथियार नहीं मिलता है तो दूसरे तरीकों से अपराध की पुष्टि करना जरूरी है।

पहला है CCTV फुटेज। आफताब जिस फ्लैट में रहता था, वहां आसपास कई घरों में CCTV कैमरे लगे हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस की जो थ्योरी है कि आफताब रात में 2 बजे निकलता था और श्रद्धा के शव के टुकड़ों को जंगल में फेंकता था। इसका पता CCTV फुटेज से आसानी से लगाया जा सकता है। यानी वह हर रोज कितने बजे निकला और कहां पर गया।

दूसरा- पीड़ित युवती श्रद्धा और आफताब का एक साथ बिल्डिंग में जाने का CCTV सबूत और उसके बाद बाहर नहीं निकलने का CCTV सबूत। कॉल डिटेल और मोबाइल टावर की लोकेशन। CCTV को कॉल डिटेल और मोबाइल टावर की लोकेशन के साथ भी मैच करना जरूरी है। इन परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर मजबूत केस बनेगा, क्योंकि बहुत सारे सबूत ही नहीं हैं।

सवाल-5: पुलिस इस मामले से जुड़े और किस तरह के सबूत जुटाएगी?

जवाब : सबूतों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि वही सबूत इकट्‌ठे किए जा सकते हैं जो हो सकते हैं, जो नहीं हो सकते उन्हें कैसे इकट्‌ठा किया जा सकता है, लेकिन जो सबूत हों वो पूरी तरीके से ऑथेंटिक हों, उनमें कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

जैसे बिल्डिंग में जो सिक्योरिटी गार्ड हैं या दूसरे लोग हैं, उनका बयान इस मामले में काफी अहम होगा, लेकिन आपस में उन बयानों में कोई विरोधाभास नहीं होना चाहिए, क्योंकि विरोधाभास होने पर ट्रायल में जो एग्जामिनेशन और क्रॉस एग्जामिनेशन होता है उससे केस कमजोर होगा।

श्रद्धा वॉकर का जो मोबाइल है, उसकी कॉल डिटेल, वॉट्सऐप मैसेज, उसकी हत्या की आशंकाएं जताने वाली बातें भी काफी अहम साबित होंगी।

सवाल-6ः पुलिस के सामने आफताब के कबूलनामे के क्या मायने हैं?

जवाब : पुलिस ने 15 नवंबर 2022 को बताया कि आफताब से कत्ल के बारे में जो भी पूछा जाता है, वह उसके बारे में अंग्रेजी में जवाब देता है। ऐसा नहीं है कि उसे हिंदी नहीं आती, पर वो अंग्रेजी में ज्यादा कम्फर्टेबल है। उसने कुबूल किया- Yes i killed her…।

विराग कहते हैं कि पुलिस के सामने दिए गए बयान की कानूनी अहमियत ज्यादा नहीं होती है। जब तक मजिस्ट्रेट के सामने वह बयान ना दिया जाए। पुलिस के सामने दिए गए बयान को अन्य साक्ष्यों या सबूतों के साथ जोड़ना जरूरी है।

साथ ही किसी भी मामले में दो साक्ष्य जो सबसे ज्यादा जरूरी हैं वो हैं पहला हथियार की बरामदगी और दूसरा शव की बरामदगी, क्योंकि शव की बरामदगी के बगैर ये भी पुष्ट कर पाना मुश्किल है कि हत्या हुई है या नहीं हुई है।

कई बार ऐसे भी मामले आए हैं, जिनमें हत्या का मामला सामने आने के कई साल बाद जिसकी हत्या होने की बात कही गई थी, वो सामने आ जाता है यानी जिंदा रहता है।

सवाल-7: क्या आफताब ने इस मर्डर को ऐसे प्लान किया था कि कम से कम सबूत मिलें?

जवाब : आफताब ने हत्या से पहले अमेरिकी क्राइम शो डेक्स्टर समेत कई क्राइम मूवीज और शोज देखे थे। ताकि सबूतों को ठिकाने लगाया जा सके। यानी उसने सुनियोजित तरीके से ऐसा किया। पुलिस के मुताबिक आफताब 18 मई 2022 को अपनी 26 साल की प्रेमिका श्रद्धा विकास वॉकर की गला दबाकर हत्या करता है। इसके बाद चाकू से उस शव के 35 टुकड़े करता है।

इसके बाद 300 लीटर की फ्रिज खरीदता है, ताकि शव के टुकड़ों को उसमें रख सके। शव के टुकड़ों को प्रिजर्व करने के लिए फॉर्मेल्डिहाइड का इस्तेमाल करता है। लगातार 18 दिन तक वह रात के 2 बजे उठता रहा और फ्रिज से शव के कुछ टुकड़े निकालकर जंगल में फेंक देता था। कई बार तो आवारा कुत्तों को भी खिला देता था। आफताब ने सबूत मिटाने के लिए गूगल पर खून साफ करने का तरीका भी सर्च किया था।

सवाल-8: आफताब के बारे में अब तक क्या-क्या बातें सामने आई हैं?

जवाब : 28 साल का आफताब पूनावाला मुंबई के वसाई का रहने वाला है। आफताब का बड़ा भाई भी है। मां हाउस वाइफ हैं और पिता जूते के होलसेल सप्लायर हैं। आफताब ने वसाई के ही सेंट फ्रांसिस हाई स्कूल से पढ़ाई और एल एस रहेजा कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है।

इंस्टाग्राम पर ‘हंगरी छोकरो’ के नाम से उसने अपना प्रोफाइल बना रखा है। @hungrychokro_escapades अकाउंट के 28,600 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। रेस्तरां और खानों का रिव्यू करने की वजह से वह सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय है। आफताब ने 2016 में एक आर्टिकल शेयर करके बताया था कि फल और सब्जियां किस तरह काटनीं चाहिए।

फूड ब्लॉगिंग के साथ आफताब को बॉडीबिल्डिंग में भी खासा इंटरेस्ट है। उसके सोशल मीडिया हैंडल से यह भी पता चलता है कि वह एक एनिमल लवर और फुटबॉल फैन है। आफताब अपने आप को LGBTQIA+ सपोर्टर बताता है।

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