एम्स की डिजिटल सेवाओं को हैक करने वाले और कथित तौर पर बड़ी संख्या में मरीजों के डेटा से छेड़छाड़ करने वाले साइबर अपराधियों ने क्रिप्टोकरेंसी में करीब 200 करोड़ रुपये की मांग की है. लगातार छठे दिन भी देश के प्रमुख संस्थान के सर्वर डाउन हैं. हैकर्स ने एम्स का सर्वर ही हैक कर लिया है.
रिपोर्ट्स की मानें तो हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी में 200 करोड़ रुपये मांगे हैं. दरअसल, यह डर है कि अस्पताल के 3 से 4 करोड़ मरीजों का डेटा कॉम्प्रोमाइज हो सकता है. बता दें कि एम्स का सर्वर 23 नवंबर को डाउन हुआ था और लगातार छह दिन से सर्वर डाउन ही चल रहा है. बता दें कि AIIMS सर्वर पर जो डेटा है, उसमें कुछ VIPs, पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, ब्यूरोक्रैट्स और जजों की जानकारियां शामिल हैं.
कुछ सर्विस को रीस्टोर किया गया
इसी बीच नेशनल इंफोर्मेशन सेंटर (NIC) ई-हॉस्पीटल डेटाबेस और एप्लिकेशन सर्वर को रीस्टोर कर लिया गया है. दूसरे ई-हॉस्पीटल सर्वर से इंफेक्शन को स्कैन करने और साफ करने में भी टीमें जुटी हुई हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि इसके अलावा, ई-अस्पताल सेवाओं को बहाल करने के लिए व्यवस्थित चार फिजिकल सर्वरों को स्कैन किया गया है और डेटाबेस और एप्लिकेशन के लिए तैयार किया गया है.
चूंकि डिजिटल सेवाएं ठप थीं, इसलिए एम्स में बुनियादी सेवाएं जैसे मरीज को भर्ती करना, ट्रांसफर करना और लैब के काम आदि मैन्युअल रूप से किए जा रहे हैं. पिछले हफ्ते वर्किंग कमेटी ने अस्पताल के कर्मचारियों को मृत्यु/जन्म प्रमाण पत्र मैन्युअल रूप से तैयार करने का निर्देश दिया था