खागा/फतेहपुर। विकास खंड धाता के गुरसंडी में पंडित सूर्यपाल रमाशंकर राममूरत पांडेय निष्पक्ष देव विद्या मंदिर इंटर कालेज में वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु की जयंती पर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। प्रसिद्ध वैज्ञानिक (वनस्पतिशास्त्री) जगदीश चंद्र बोस की जयंती पर विज्ञान प्रदर्शनी शिक्षक दीपक यादव व आशीष पांडेय के संयोजन में हुई। जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
वैज्ञानिक आचार्य बोस की तस्वीर पर बच्चों ने पुष्पांजलि अर्पण के बाद बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ने बच्चों को बताया कि जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर 1858 ई. को फरीदपुर, ढाका (बांग्लादेश) में हुआ था। विश्व में पहली बार 1885 ई में उन्होंने रेडियो तरंगों द्वारा बेतार संचार का प्रदर्शन मार्काेनी के प्रदर्शन से दो वर्ष पहले किया था। वनस्पतियों में भी जीवन होता है। इसे स्थापित एवं प्रमाणित करने वाले बोस पहले वैज्ञानिक थे। सन् 1917 में इन्हें नाईट की उपाधि मिली थी और वे श्रायल सोसाइटी आफ लंडन के फेलो चुने गये थे। कहा उन्होंनें बोस रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की और 1937 तक निदेशक भी रहे। झारखंड के गिरिडीह (तत्कालीन बिहार) में नवंबर 1937 में उनका निधन हो गया। विज्ञान प्रदर्शनी में द्वादश वर्ग के छात्र एवं छात्राओं ने एक से बढ़कर एक माडल का प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए। प्रवीण पांडेय ने बच्चों की हौसला आफजाई करते हुए कहा कि बीच-बीच में बच्चों के बीच इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने से उसका बौद्धिक, मानसिक के साथ व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है इसलिए बच्चों को भी चाहिए कि इस तरह का कहीं भी कार्यक्रम आयोजित होता है। उसमें बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी निभानी चाहिए। बुंदेलखंड भवन का माडल आंचल त्रिपाठी ने प्रदूषण पर लक्ष्मी देवी, आदर्श स्कूल पर कोमल देवी, पवन चक्की पर अनामिका देवी, आदर्श हाउस पर अंसनी देवी, खुशबू देवी, शिवानी पटेल, हृदय पर महिमा सिंह, अमीबा प्रियंका देवी, तितली पर रिया त्रिवेदी, आवर्त सारणी पर दीपिका शर्मा, उत्सर्जन तंत्र पर आकांक्षा देवी, श्वसन तंत्र पर पलक शर्मा, प्रकाश संश्लेषण पर आंचल देवी, तंत्रिका तंत्र पर प्रिया, पैरामीशियम पर वर्षा देवी, विद्युत चुम्बकीय तरंगे पर आकाश पांडेय आदि ने मुख्य रूप से माडल बनाए। सभी ने बनाए गए माडल को सहारा।