अजमेर में दहेज नहीं देने पर दूल्हा पक्ष बारात वापस लेकर लौट गया। दुल्हन पक्ष का आरोप है कि एक दिसम्बर को शादी थी। ऐन वक्त पर 10 लाख नकद, कार और बुलेट मांग ली। लाखों रुपए खर्च कर की गई व्यवस्थाएं बेकार हो गई। समाज में बेज्जती हुई। शनिवार शाम को मां अपनी मेहंदी लगी दुल्हन बेटी के साथ एसपी दफ्तर पहुंची। शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की। आरोप है कि दूल्हे और उसके परिजनों ने धोखाधड़ी के मामले में फंसाने की धमकी भी दी। मामला रामगंज थाना क्षेत्र का है।
मां अर्चना का आरोप है कि पश्चिम बंगाल, कोलकाता के रहने वाले कैलाश चंद्र वर्मा के बेटे सौरभ से अजमेर बेटी निकिता का विवाह 1 दिसंबर को होना तय हुआ था। बारात 1 दिसंबर को पहुंच गई। परिजनों ने भी तमाम तैयारियां पूरी कर ली, लेकिन तोरण मारने से पहले दूल्हे सौरभ और ससुराल पक्ष की ओर से 10 लाख नकद, कार व बुलेट की डिमांड की। परिजनों ने यह देने से मना कर दिया। बारात लेकर लौट गए। दुल्हन पक्ष का आरोप है कि शादी पर करीब पन्द्रह लाख रुपए खर्च हो गए थे। अब रुपए दिलाए जाने व कार्रवाई करने की मांग को लेकर शिकायत दी।
पीड़ित परिवार का कहना है कि बेटी की शादी के लिए उन्होंने हैसियत के मुताबिक हर संभव व्यवस्था की थी, शादी होने ही वाली थी कि ऐन वक्त पर भारी दहेज की डिमांड कर ली और पूरी नहीं कर पाए। ऐसे में अब सब कुछ खत्म हाे गया।
पहले समझते रहे मजाक
परिजनों ने बताया कि वे पहले इस तरह की जिद करने पर मजाक समझ रहे थे। ऐसे में इसे सीरियस नहीं लिया। बाद में जब बार बार जिद करने लगे तो समझाया, लेकिन वे नहीं माने। इस पर उनकी चिंता बढ़ने लगी। बाद में जब वे बारात लेकर लौट गए तो गहरा सदमा लगा।
बेकार रही समझाइश
हंगामे के बाद दूल्हा सौरभ बगैर तोरण मारे बारात लेकर बैरंग लौट गया। निकिता के परिजन और समाज के लोगों ने दूल्हे और उसके परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह शादी के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अगर आप कार नहीं दे सकते तो दस लाख रुपए कैश या फिर मोटरसाइकिल ही दे दो। निकिता के परिजनों ने मांग पूरी करने में असमर्थता जताई।
दूल्हे और उसके परिजनों ने निकिता के परिजनों को धोखाधड़ी के मामले में फंसाने की धमकी भी दी। बारात बैरंग लौटने से निकिता के घर में शादी की खुशियां मातम और आक्रोश में बदल गई। दो दिन तक समझाइश चलती रही। आखिर कोई हल नहीं निलने के बाद शनिवार को निकिता ने परिजनों के साथ एसपी ऑफिस पहुंच कर रोते-बिलखते हुए आपबीती सुनाई।