संगीत में तनाव मुक्त करने की पूरी क्षमता विद्यमान: डा. अपर्णा – राजकीय महिला महाविद्यालय में अवधी लोकगीत की दस दिवसीय कार्यशाला शुरू

फतेहपुर। डॉ0 भीमराव अंबेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संगीत विभाग एवं क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में अवधी लोकगीत से संबंधित एक दस दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की औपचारिक शुरूआत अतिथियों एवं गणमान्य द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके एवं दीप प्रज्जवलन करके किया। छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत गाकर सभी का मन मोह लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ0 अपर्णा मिश्रा ने कहा कि आधुनिक युग में जीवन अत्यन्त तनाव भरा है। जिसके लिये लोग मनोचिकित्सक के पास जाते हैं जबकि संगीत में तनाव मुक्त करने की पूरी क्षमता विद्यमान है इसलिए सभी को तनाव मुक्त जीवन के लिये संगीत से जुड़ना चाहिये। महाविद्यालय की संगीत विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ0 सरिता गुप्ता ने कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुये कहा कि लोकगीत में लोक जीवन के दुःख-सुख, आनन्द विभिन्न त्यौहारों, ऋतुओं की अभिव्यक्ति मिलती है। लोकगीत परम्परा से प्राप्त होते हैं किन्तु आज के दौर में ये लुप्त होते जा रहें है इसलिए अपनी लोकगीत की परम्परा को संरक्षित रखने के क्रम में एक छोटे प्रयास के रूप में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षिका रंजना मिश्रा ने युवा वर्ग को संगीत से जुड़ने का आह्वाहन किया। इसी के साथ उन्होंने चरखा चालू रहे, निमिया तले डोला रख दे मुसाफिर, अबके बरस भेज भय्या को बाबुल, कइसे खेले जउबे सावन मा कजरिया, कइसे खेलू सखी कजरिया जैसी कजरी सहित विवाह गीत कारी कोयलिया नेवत देई आवहु हो के साथ-साथ कई देवी गीत फागुन एवं चौती के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की। यह कार्यशाला 08 दिसम्बर से 17 दिसम्बर तक चलेगी जिसमें प्रतिभागियों को लोकगीत का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 17 दिसम्बर को प्रशिक्षुओं को प्रदर्शन का मौका दिया जाएगा। साथ ही प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ0 चन्द्रभूषण तथा धन्यवाद डॉ0 गुलशन सक्सेना ने किया। इस अवसर पर पूरा महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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