500 नए एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी में एअर इंडिया, 400 छोटे और 100 बड़े विमानों का ऑर्डर देगी

 

 

एअर इंडिया 500 नए विमान खरीदने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाटा ग्रुप की एअर इंडिया 500 नए विमान अपने बेड़े में शामिल करने के लिए ऑर्डर देने जा रही है। इनमें 400 छोटे विमान और 100 बड़े विमान शामिल होंगे। बड़े विमानों में एयरबस ए-350 एस, बोइंग 787एस और बोइंग 777एस हो सकते हैं।

अभी डील पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। ऑर्डर्स को लेकर टाटा ग्रुप की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। अगर यह डील फाइनल होती है तो यह एयर इंडिया के इतिहास की सबसे बड़ी डील होगी।

2022 में टाटा ने एअर इंडिया को टेकओवर कर लिया था। सरकारी कंपनी एअर इंडिया 27 जनवरी 2022 से प्राइवेट हो गई। इसके बाद टाटा देश की दूसरी बड़ी एयरलाइन बन गई। एअर इंडिया के हैंडओवर से पहले टाटा संस के चेयरमैन PM नरेंद्र मोदी से मिले थे।

सोशल मीडिया पर दी टेकओवर करने की जानकारी
विनिवेश विभाग के सचिव ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी थी। इसमें बताया कि एअर इंडिया को टेकओवर करने की प्रक्रिया आज पूरी कर ली गई है और यह डील अब बंद हो चुकी है। इसका पूरा शेयर टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किया जा चुका है। इसके बाद चंद्रशेखरन ने कहा कि हम इस डील से काफी खुश हैं कि एअर इंडिया टाटा ग्रुप के पास आ गई है। हम अब एक वर्ल्ड क्लास की एयरलाइंस बनाने के लिए काम करेंगे।

आइए जानते हैं कि एअर इंडिया की शुरुआत कैसे हुई, कैसे वो टाटा से सरकार के पास और सरकार से फिर टाटा के पास आई। कैसे पूरी एविएशन इंडस्ट्री में बदलाव होने वाला है और इसका फायदा कैसे यात्रियों को होने वाला है।

1932 में शुरू हुई थी एअर इंडिया
एअर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी। इसकी स्थापना उद्योगपति JRD टाटा ने की थी। उस वक्त नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था। JRD टाटा ने महज 15 की उम्र में साल 1919 में पहली बार शौकिया तौर पर हवाई जहाज उड़ाया था, लेकिन शौक जुनून बन गया और JRD टाटा ने अपना पायलट का लाइसेंस ले लिया।

15 अक्टूबर 1932 को पहली उड़ान
एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्टूबर 1932 को भरी गई थी। तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था। प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठ‍ियां थीं। चिट्ठियों को लंदन से ‘इम्पीरियल एयरवेज’ से कराची लाया गया था। यह एयरवेज ब्रिटेन का राजसी विमान था। इसके बाद साल 1933 में टाटा एयरलाइंस ने यात्रियों को लेकर पहली उड़ान भरी। टाटा ने दो लाख रुपए की लागत से कंपनी स्थापित की थी।

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