निक्षय दिवस: 348 संभावित टीबी मरीजों के बलगम की हुई जांच – जनपद की समस्त चिकित्सा इकाइयों पर मनाया गया पहला निक्षय दिवस

फतेहपुर। जनपद की समस्त चिकित्सा इकाइयों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (;एचडब्ल्यूडब्लूसी) पर प्रथम निक्षय दिवस का आयोजन किया गया। जिले भर के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में 348 मरीजों के बलगम की जांच की गई। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सुनील भारती ने जिला क्षय रोग हास्पिटल में निक्षय दिवस का उदघाटन किया।
सीएमओ ने बताया कि निक्षय दिवस का उद्देश्य क्षय रोग के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। ताकि क्षय रोगियों की पहचान और उपचार जल्दी हो सके। टीबी हास्पिटल में आने वाले मरीजों को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी गई। इस दौरान संभावित मरीजों के बलगम की भी जांच की गई। इस दौरान कई मरीज ऐसे भी आये जिन्हे निक्षय पोषण योजना के तहत किन्ही कारणों से भत्ता नहीं मिल रहा था जिनकी समस्याओं का कर्मचारियों ने निस्तारण किया। जिला क्षय रोग अधिकारी डा0 निशात सैय्यद शहाबुद्दीन ने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है और पहचान में देरी होने से उपचार शुरू होने तक रोगी अपने संपर्क में आने वाले कई लोगों को संक्रमित कर देता है। टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोड़ना जरूरी है। शासन के निर्देश पर जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर निक्षय दिवस का आयोजन किया गया। टीबी हास्पिटल में तैनात सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अजीत ने मरीजों की जांच की और टीबी के लक्षण और बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। निक्षय दिवस पर कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार और टीबी चौंपियन कल्पना ने भी सहयोग किया। जिलेभर के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में 348 मरीजों के बलगम की जांच की गई। डीटीओ ने बताया जनपद में अब सीएचओ के प्रयास से जो क्षय रोगी खोजे जाएंगे, निक्षय पोर्टल पर उनका नोटिफिकेशन वह स्वयं अपनी आईडी से करेंगे। यह जानकारी निक्षय पोर्टल पर मौजूद रहेगी कि कौन-कौन सीएचओ क्षय रोगियों को खोजने में अच्छा काम कर रहे हैं। संभावित मरीजों की जांच के उपरांत समय से उपचार दिया जाएगा।

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