4. युवाओं में नशे, सप्लीमेंट्स की लत ने बढ़ाया खतरा : कोरोना के बाद युवाओं में बॉडी बनाने को लेकर ज्यादा ही जोश देखने को मिला है। इसके लिए युवा तमाम तरह के सप्लीमेंट्स का यूज करने लगे हैं। ये बहुत ही खतरनाक होते हैं। इससे शरीर के कई ऑर्गन फेल हो सकते हैं। इसके अलावा शराब, सिगरेट व अन्य नशीले पदार्थ भी लोगों के दिल को कमजोर बनाते हैं। इसके अलावा अधिक एक्सरसाइज भी करना खतरनाक है। इससे दिल की गति तेज हो जाती है तो ब्लॉकेज कर सकती है। इसके अलावा नौकरी व अन्य कारणों से युवा स्ट्रेस भी बहुत ज्यादा लेने लगे हैं। रात-रात तक काम करते हैं। नींद कम लेते हैं। स्ट्रेस का सीधा असर दिल पर पड़ता है। यही कारण है कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं।
5. कोरोना ने इम्यून सिस्टम पर प्रहार किया : कोरोना ने लोगों के इम्यून सिस्टम पर काफी प्रहार किया है। इसके चलते लोग अंदर से कमजोर हो गए हैं। ऊपर से वह फिट दिखते हैं, लेकिन अंदर बीमारियों ने घर कर रखा है। यही बीमारियां जब ज्यादा बढ़ जाती हैं तो अचानक हार्ट फेल्योर का सामना करना पड़ता है।
6. बच्चों को भी हार्ट अटैक का खतरा है? : आमतौर पर बच्चों को हार्ट अटैक की समस्या तभी आती है, जब उसे पहले से कोई दिक्कत हो। शरीर के अंदर एबनॉर्मलटी सडेन डेथ का बड़ा कारण है। इसमें पैदायशी बच्चों को अंदर कुछ न कुछ बीमारी होती है। ब्रेन में नसों का गुच्छा होता है। ये अचानक से फट जाता है। बच्चों में ये समस्या कॉमन है। ब्रेन ट्यूमर या ब्रेन सिस्ट के चलते भी हार्ट अटैक आ सकता है। ऐसी परिस्थिति में सिरदर्द या बुखार आने के 24 घंटे के अंदर मौत हो सकती है।
क्या कोरोना वैक्सीन का भी कोई असर है?
नहीं, भारत में अब तक वैक्सीन से कोई डेथ रिपोर्टेड नहीं है। ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो रही है। भारत में लोगों को जो वैक्सीन लगाई गई है, वो इम्युनिटी बूस्टर है। अगर इसमें मौत होना होता, तो तुरंत हो सकता था। वैक्सीन लगवाने के कई दिन बाद मौत होने की संभावना बिल्कुल नहीं है।
नहीं, भारत में अब तक वैक्सीन से कोई डेथ रिपोर्टेड नहीं है। ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो रही है। भारत में लोगों को जो वैक्सीन लगाई गई है, वो इम्युनिटी बूस्टर है। अगर इसमें मौत होना होता, तो तुरंत हो सकता था। वैक्सीन लगवाने के कई दिन बाद मौत होने की संभावना बिल्कुल नहीं है।
परिवार में कोई दिल का मरीज तो क्या करें?
हार्टअटैक के कई मामले आनुवांशिक कारणों से भी होते हैं। ऐसे में अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को हार्ट की समस्या है तो आपको भी सचेत रहने की जरूरत है। हर साल कम से कम एक बार कार्डियक स्क्रीनिंग से जुड़े टेस्ट करवावएं। इसमें ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम, स्ट्रेस टेस्ट, कार्डियक सीटी, ट्राईग्लिसराइड, ब्लड शुगर टेस्ट, होमोसिस्टीन टेस्ट करवाएं।
हार्टअटैक के कई मामले आनुवांशिक कारणों से भी होते हैं। ऐसे में अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को हार्ट की समस्या है तो आपको भी सचेत रहने की जरूरत है। हर साल कम से कम एक बार कार्डियक स्क्रीनिंग से जुड़े टेस्ट करवावएं। इसमें ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम, स्ट्रेस टेस्ट, कार्डियक सीटी, ट्राईग्लिसराइड, ब्लड शुगर टेस्ट, होमोसिस्टीन टेस्ट करवाएं।
शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए ये जरूर करें
- दिमाग को स्थिर रखें। योग, ध्यान और प्राणायाम करें
- किसी भी तरह के स्ट्रेस (तनाव) से दूर रहें
- पर्याप्त नींद लें
- शुद्ध खाना खाएं। फास्ट फूड और केमिकल वाली चीजों से परहेज करें। नॉन वेज खाने से भी बचें
- पानी बार-बार पीजिए
- साफ-सफाई का ख्याल रखिए
- बासी खाना बिल्कुल न खाएं