फतेहपुर। शहर में इन दिनों बंदरों के बढ़ते आतंक के करण लोग भयभीत है। बंदरों के झुंड घरों की छत पर धूप सेंक रही महिलाओं व बच्चो को निशाना बनाकर हमला कर रहे हैं। साथ ही घरों से अक्सर मोबाइल समेत कीमती चीजे लेकर भाग रहे हैं। जिसे छीनने की कोशिश करने पर हमला कर उन्हें घायल कर देते हैं। लोगों की समस्याओं के बाद भी वन विभाग आँखे मूंदकर बैठा हुआ है।
शहर के आबूनगर, पत्थरकटा चौराहा, मुराइनटोला, सिविल लाइन, हरिहरगंज समेत लगभग आधा दर्जन मोहल्लों में बंदरों का भीषण आतंक फैला हुआ है। भोजन की तलाश में घूमने वाले बंदरो के झुंड अचानक घरों में धावा बोल देते हैं और पल भर में घरो में खाने पीने की चीजों पर टूट पड़ते है। जमकर तांडव मचाने के बाद भी बन्दरो का आतंक थमता नहीं है। यह झुंड किसी अन्य घर में भी धावा बोल देता है। छतों में धूप सेंक रही महिलाओं व बच्चों पर भी हमला करने से नहीं चूकते तो कई बार फल व खाने की अन्य कोई वस्तु लेकर घर आ रहे पुरुषों बच्चों एवं महिलाओं पर टूट पड़ते हैं और न केवल वस्तुओं को छीनकर भाग जाते है बल्कि नाखूनों व दांतो से काटकर घायल भी कर देते ही। बंदरों के हमले की जगह बचने के लिए इधर उधर भागते समय छतों से या सीढ़ियों से भी गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाते है। बंदरों के इस हमलों से लोग बेहद भयभीय महौल में जीने को मजबूर हैं और अपने आपको घर के अंदर भी सुरक्षित नही महसूस कर रहे। वहीं लोगो की इस सम्याओं से अनजान बने वन विभाग के कर्मी केवल पेड़ों व लकड़ी की कटान को ही अपनी जिम्मेदारी समझ रहे है। जबकि इस तरह वन जीवो से लोगो को संरक्षण देना व धर पकड़ करना वन विभाग की जिम्मेदारी है। इतना होने के बाद भी वन विभाग की चुप्पी लोगों को अखर रही है। वही सभासदों व अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भी लोगों की समस्याओं का समाधान न किये जाने को लेकर भी लोगो में आक्रोश देखने को मिल रहा है। मोहल्लेवासियों ने बताया कि बंदरो के आतंक के कारण बच्चो एवं महिलाओ को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बंदर हमला कर वस्तुए तो छीन लेते है साथ ही अक्सर हमला कर घायल भी कर देते है। उनका कहना रहा कि वन विभाग बंदरों के विरुद्ध अभियान चलाकर इन्हें शहर से बाहर करे।