तीन माह की गर्भवती लिव इन पार्टनर का सिर्फ इस वजह से किया कत्ल

 

 

गाजियाबाद के वसुंधरा के भोपुरा में गाड़ी सर्विस का गैराज चलाने वाले रमन ने अपनी लिव इन पार्टनर दिव्या (35) की धोखे से कुल्लू ले जाकर कार में चुनरी से गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को पहाड़ी से नीचे फेंक दिया। पुलिस और दिव्या के परिजनों को गुमराह करने के लिए उसने न केवल इंदिरापुरम थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई बल्कि सात महीने तक उसे तलाश करने का नाटक भी करता रहा। पुलिस का कहना है कि उसके बदलते बयानों से दिव्या की मां बिट्टो को शक होने पर उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसकी साजिश से पर्दा उठ गया। दिव्या के साथ लिव इन रिलेशन में रहते हुए उसने तीन मई को दूसरी शादी कर ली थी।

दूसरी प्रेमिका के साथ रहने के लिए ही उसने शादी के 15 दिन बाद ही तीन माह की गर्भवती दिव्या की जान ली। दिव्या और उसकी दो साल की बेटी भी है। उसने उसके सामने ही वारदात की।

रमन एक साथ दो युवतियों के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहा था। दिव्या के साथ वसुंधरा के सेक्टर पांच में किराए के फ्लैट में और दूसरी के साथ दूसरी जगह। दिव्या को जैसे ही पता चला कि उसने दूसरी के साथ शादी कर ली है, वैसे ही उसने विरोध करना शुरू कर दिया।

दोनों में झगड़ा होने लगा। इस पर उसने साजिश के तहत दिव्या से शिमला चलने के लिए कहा। वह दिव्या और दो साल की बेटी को लेकर कार से शिमला के लिए गया।

डीसीपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि रमन शिमला से कुमारसेन थाना क्षेत्र के कुल्लू ले गया था। वहां हत्या कर अगले दिन ही घर लौट आया था और इंदिरापुरम थाने में दिव्या की गुमशुदगी की तहरीर दी।

पुलिस ने बरामद की आरोपी की कार
इंदिरापुरम पुलिस ने रमन की कार भी बरामद कर उसे सीज कर दिया जिससे वह 18 मई को पार्टनर दिव्या और दो साल की बेटी के साथ शिमला के कुल्लू गया था। वहीं, इंदिरापुरम पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि आरोपी रमन की गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड में अन्य बिंदुओं पर भी जल्द सफलता मिलेगी। उधर, मां बिट्टू का कहना है कि 17 मई को उनकी आखिरी बार दिव्या से बात हुई थी। उसने परिवार के कुछ लोगों पर धमकी देने का आरोप लगाया था।

बेटी की हत्या की खबर सुनकर माता-पिता हो गए बेसुध
डीसीपी दीक्षा शर्मा ने दिव्या की हत्या का खुलासा किया तो उसके बाद मामले की जानकारी मां बिट्टो और पिता उमेश कुमार को इंदिरापुरम थाने बुलाया गया। वहां थाना प्रभारी देवपाल सिंह पुंडीर व अन्य अधिकारियों ने घटना की सूचना उमेश को दी।

इस बीच दोनों थाना प्रभारी के कमरे में बैठे-बैठे बेसुध हो गए। महिला पुलिसकर्मी ने बिट्टो को संभाला और पुलिसकर्मियों ने दोनों को समझाया। फिलहाल शनिवार को कुमारसेन थाना पुलिस इंदिरापुरम थाने पहुंचेगी और मामले की अग्रिम कार्रवाई के लिए आरोपी को अपने कब्जे में लेगी।

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