बच्चों की जिद ने फिर जोड़ा परिवार, पेरेंट्स का पांच साल पहले हुआ था तलाक, बच्चों ने दोबारा कराई शादी

 

 

बेंगलुरु में तलाक के 5 साल बाद बच्चों के प्रयासों ने अपने पैरेंट्स को दोबारा एक कर दिया। बच्चों ने भाई वेलफेयर संस्था की मदद से 5 साल पहले तलाक ले चुके मां-बाप की दोबारा शादी कराई और कोर्ट में चल रहे सभी प्रकरणों को भी विड्रा कर लिया। जब इस दंपती का तलाक हुआ था उस वक्त बच्चे नाबालिग थे।

बेटा जहां 14 साल का था वहीं बेटी महज 13 साल की थी। कोर्ट से हुए तलाक के बाद आपसी सहमति से बेटा पति के साथ गया था, जबकि बेटी को पत्नी को सौंपा गया था। दोनों भाई-बहन अलग-अलग शहरों में रहने लगे थे, लेकिन हाल ही में एक पारिवारिक कार्यक्रम में दोनों मिले तो अपनी मां को उदास देखकर दोनों ने पैरेंट्स को फिर एक करने का फैसला लिया।

फैमिली फंक्शन में महसूस किया मां का अकेलापन, तब शुरू किए प्रयास

भाई वेलफेयर सोसाइटी के फाउंडर मेंबर जकी अहमद ने बताया कि इस दंपती का तलाक 2017 को हुआ था। तलाक के बाद बेटा बेंगलुरु में हास्टल में रह कर पढ़ रहा, वहीं बेटी पुणे पढ़ने के लिए चली गई थी। अब दोनों बच्चे व्यस्क हो गए हैं, हालांकि मां-बाप के तलाक के बाद भी दोनों भाई-बहन कभी-कभी एक दूसरे से मिलते रहते थे। इस बीच दोनों भाई बहन एक फैमिली फंक्शन में शामिल हुए थे। यहां दाेनों अपनी मां से भी मिले तो उन्हें मां का अकेलापन महसूस हुआ। जिसके बाद दोनों ने मां-बाप को फिर मिलाने के लिए भाई वेलफेयर सोसाइटी से संपर्क कर कानूनी सहायता मांगी।

फोन कर मांगी विधिक सहायता

जकी अहमद ने बताया कि उनके पास तीन माह पहले एक युवक का फोन आया था। युवक की उम्र 19 साल थी। उसने बताया कि वह और उसकी बहन अपने पैरेंट्स के लेकर परेशान है, क्योंकि उनका तलाक हो गया। दोनों ने ही दूसरी शादी नहीं की। वह चाहता था कि उनके पैरेंट्स को लेकर जितने भी केस कोर्ट में चल रहे हैं वह खत्म हो जाए और दोनों फिर साथ रहने लगे।

मंदिर में की शादी- काउंसलिंग के बाद दंपती ने मान ली बच्चों की बात

जकी ने बताया कि संस्था ने उनके पैरेंट्स से संपर्क किया।। एक माह तक चली काउंसलिंग में दंपती के बच्चों ने भी उन्हें समझाया। जिसके बाद दोनों ने बच्चों की बात मान ली और दंपती ने आर्य समाज मंदिर से दोबारा शादी कर ली। उसके बाद कोर्ट में चल रहे आवेदनों को शादी के सार्टिफिकेट के आधार पर खत्म करने की अर्जी लगाई जिसे कोर्ट ने मान लिया।

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