जिंदा जलकर एक परिवार के 5 लोगों की मौत, गहरी नींद में थे सभी, भागने का मौका भी नहीं मिला, मां और 4 बच्चे जले
मऊ जिले में एक दर्दनाक हादसा हो गया। एक झोपड़ी में आग लगने से 5 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। मरने वालों में 4 बच्चे और एक महिला शामिल है। बताया जा रहा है कि खाना खाने के बाद सभी सो रहे थे। अचानक फूस की झोपड़ी में आग लग गई। ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन आग पर काबू नहीं पा सके। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। आग लगने की सूचना पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे।
घटना मंगलवार देर रात लगभग 10 बजे कोपागंज थाना के शाहपुर गांव की है। ग्रामीणों ने बताया की गुड्डी राजभर अपने तीन बच्चे अभिषेक (12), दिनेश (10), अंजेश (6) के साथ पिछले 5 साल से अपने मायके में रह रही थी। कुछ दिन पहले ही गुड्डी की बहन की बेटी चांदनी उम्र 14 वर्ष भी उनके साथ यहां रह रही थी। रात में खाना खाने के बाद सभी सो रहे थे। आग कैसे लगी यह कोई बता नहीं पा रहा है।
आग इतनी तेज फैली की कोई बाहर नहीं निकल पाया
ग्रामीणों ने अंदेशा जताते हुए बताया कि रात में पानी गर्म करने के लिए आग जलाई गई हो, हवा तेजी थी। हो सकता है कि चूल्हे की चिंगारी से पुआल की झोपड़ी में आग लग गई हो। आग इतनी तेजी से फैली की कोई भी बाहर नहीं निकल पाया। सभी की जलकर मौत हो गई।
4 लाख मुआवजा देने की घोषणा
सूचना मिलते ही मौके पर जिलाधिकारी अरुण कुमार एवं पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे सहित अन्य सभी अधिकारी पहुंच गए। जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद लोगों से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए आपदा के तहत प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख की सरकारी सहायता तहसील स्तर से प्रदान करने के निर्देश दिए।
डीएम बोले- मौके पर ही मेडिकल टीम को बुलाया
जिलाधिकारी ने बताया कि रात लगभग 9 बजे यह सूचना प्राप्त हुई कि गांव के एक मड़ई में आग लग गई है। जिसमें कुछ लोगों की मृत्यु हो गई है। एसपी के साथ मैं खुद मौके पर पहुंचा। मेडिकल टीम और फायर ब्रिगेड बुलाया गया है। आग लगने चूल्हे पर खाना बनाते समय लगी। जिसमें परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई है।
पुलिस अधिक्षक अविनाश पांडेय ने बताया कि पांचों शव बरामद हो गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत के बाद में मातम पसर गया है।
छोटी सी मड़ई में थे दो कमरे
ग्रामीणों ने बताया कि महिला ने लगभग गांव के बाहर छोटी सी मड़ई बना रखी थी। उसी में दो कमरे बना रखे थे। जोकि अंदर ही एक दूसरे से कनेक्ट थे। जब हम लोग पहुंचे तो मड़ई पूरी तरह से जल चुकी थी। हम लोगों ने आसपास के पंप चलाए, पोखरों से पानी लाकर आग बुझाना शुरू किया। तब तक दमकल की गाड़ियां भी आ गई। जब आग बुझी तो महिला एक कमरे में बक्से के किनारे जली हुई मिली जबकि बच्चे दूसरे कमरे में कनस्तर के बगल में छुपे होंगे तो वहीं जलकर मर गए। चूंकि एक ही कमरे से बाहर निकलने का रास्ता था। आग उसमें ज्यादा लगी होगी इसीलिए वह बाहर नहीं निकल पाए।