फतेहपुर। नये साल का आगमन सर्द हवाओं व कोहरे के साथ कड़काती सर्दी के साथ हुआ। जहां एक ओर आम जनमानस एक दूसरे को नये वर्ष की बधाई देने के साथ ही नववर्ष की खुशियां बांट रहा था वहीं दूसरी ओर सर्दी ने भी अपना रौद्र रूप दिखाते हुए जनवरी माह के आगमन पर मुहर लगाते हुए लोगों को अपना एहसास करवा दिया। दिन भर भगवान भास्कर के दर्शन न होने से कोहरे की धुंध से निजात नहीं मिल सकी। वहीं सर्द हवाओं के थपेड़ों से आमजनमानस सिहर उठा।
दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से ही ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया था लेकिन नए वर्ष के आगाज़ के साथ ही शीतलहर के कारण ठंड का प्रकोप उफान पर रहा। दिन भर घना कोहरा छाया रहा। बढ़ती ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया। जबकि घर से निकलने वाले लोग स्वेटर, जैकेट पहनने के बाद भी शीतलहर के कारण सर्दी की मार से बेहाल दिखाई दिये। स्कूलों में छुट्टी होने से बच्चों को जहाँ राहत मिली जबकि रोज़मर्रा की तरह सड़कों से आम दिनों वाली भीड़ नदारत रही। सड़कों पर दो पहिया व चार पहिया वाहनों की संख्या भी रोज़ की अपेक्षा कम रही। बर्फीली हवाओं से बचने के लिये लोग घरों में ही दुबके रहे और रूम हीटर, ब्लोवर के अलावा घरों के अंदर भी ठंड से बचने के लिये आग को सहारा बनाये रहे। राहगीरों व सड़कों पर जीवन गुज़रने वालों का सहारा सड़को के आस पास जलने वाले अलाव की आग बनी है। कोहरे व धुंध ने जहां हाइवे की रफ्तार को छीन लिया वहीं कोहरे के कारण वाहन लगभग रेंगते हुए दिखाई दिये। जबकि कोहरे के कारण ट्रेने भी निर्धारित समय से काफी देरी से चल रही हैं। लोगों को आने जाने के लिये कई-कई घंटे तक अपनी ट्रेनों की प्रतीक्षा करनी पड़ी। नये वर्ष के प्रथम दिन ही ठंड की तेजी देखकर लोग ऊपर वाले से निजात दिलाये जाने की गुहार लगाते दिखे।