सहायक विकास अधिकारी ऐरायां की एक और करतूत उजागर,सीएम को कर रहे गुमराह

फतेहपुर। न्यूज वाणी पंचायतीराज विभाग के अंतर्गत ऐरायां विकास खण्ड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) जिनको आम तौर पर एडीओ पंचायत के नाम से जानते हैं, न सिर्फ ऐरायां ब्लॉक वासियों को गुमराह कर रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री को भी झांसा देने में भी पीछे नहीं हैं। बताते चलें कि इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम (आई.जी.आर.एस.) अर्थात समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (जनसुनवाई) जोकि उत्तर प्रदेश शासन से मुख्यमंत्री की निगरानी में लोक शिकायत अनुभाग- 5 द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य प्रभावी शिकायत प्रबंधन, निवारण और निगरानी के लिए एक एकीकृत कंप्यूटरीकृत प्रणाली-जनसुनवाई का विकास जिसके माध्यम से विभिन्न विभागों में चल रही शिकायत प्रबंधन प्रणालियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर समाहित किया जाना। जिससे नागरिकों तथा शासन/विभागों के बीच सुगम एवं पारदर्शी संवाद स्थापित किया जा सके साथ ही इस प्रणाली में दर्ज शिकायतों का अनुश्रवण मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक शिकायत विभाग द्वारा किया जाता है अर्थात जनसुनवाई की शिकायत पर फर्जी आख्या लगाना साफ साबित है कि विभाग या विभागीय अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ता को नहीं बल्कि सूबे के मुखिया को गुमराह करना है। इसी कड़ी में ऐरायां ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सुल्तानपुर घोष के ग्राम पंचायत सदस्य एन. ए. सिद्दीकी ने पूर्व की भांति एक और जनसुनवाई की शिकायत में एडीओ पंचायत ऐरायां द्वारा गलत रिपोर्ट लगाते हुए फर्जी तरीके से शिकायत का निस्तारण किये जाने का आरोप लगाया है।
बताते चलें कि पूर्व में भी इन्होंने शिकायत सन्दर्भ संख्या- 40017218021290 में भी गलत तरीके से एडीओ पंचायत-ऐरायां द्वारा गलत निस्तारण की पोल खोलते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक बीते 17 दिसंबर को आईजीआरएस के माध्यम से पंचायतीराज विभाग को शिकायत की गयी थी कि प्रार्थी ग्राम पंचायत सदस्य है व ग्राम पंचायत के कैश बुक रजिस्टर की प्रमाणित प्रति लेना चाहता है लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी से लाख कहने पर भी सूचना नहीं दी जा रही है। जिसका शिकायत सन्दर्भ- 40817218035282 प्राप्त हुआ व सहायक विकास अधिकारी, पंचायतीराज विभाग, ऐरायां को मामला प्रेषित हुआ। साथ ही शिकायतकर्ता ने बताया कि कैश बुक रजिस्टर की प्रति पाने हेतु तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी को 16 अगस्त को लिखित आवेदन भी दया गया लेकिन सूचना न देने व हीलाहवाली करने पर आईजीआर एस करनी पड़ी। जिसका निस्तारण सहायक विकास अधिकारी (पंचायत)- ऐरायां ने बिना कोई जानकारी दिए या मामला निस्तारित कर दिया। जिसके निस्तारण का मैसेज मिलते ही पोर्टल पर शिकायत की स्थिति देखा तो सवाल का जवाब अजीबो गरीब था। जिसके निस्तारण में एडीओ (पंचायत)- ऐरायां द्वारा लिखा गया था कि प्रार्थी द्वारा जनसुनवाई के माध्यम से ग्राम पंचायत सुल्तानपुर घोष की 2016-17 व 2017-18 के ग्राम निधि प्रथम के समस्त अभिलेखों की छायाप्रति चाही गयी है। जनसुनवाई के माध्यम से अभिलेख उपलब्ध कराना संभव नहीं है प्रार्थी सचिव से स्वयं मिलकर या जनसूचना अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्राप्त कर सकते हैं। इतना लिखकर मामले को निस्तारित किया गया। जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि न जाने पंचायतीराज विभाग से जुड़े वरिष्ठ या अन्य अधिकारी या खासकर जिला पंचायतीराज अधिकारी आखिरकार कैसे इन मामलों में रूचि नहीं दिखाते जो गलत रिपोर्ट को भी स्वीकृत कर लेते हैं। आखिरकार शिकायतकर्ता के सवाल से एडीओ (पंचायत) – ऐरायां के जवाब का कहीं कोई मेल खाता नहीं दिखता है फिर भी मामला निस्तारित किया जाना वाकई में आश्चर्यचकित कर देना है। साथ ही शिकायतकर्ता ने कहा कि फर्जी एवं मनमाने तरीके से रिपोर्ट लगाने वाले एडीओ (पंचायत) – ऐरायां को न तो जिला पंचायतीराज अधिकारी का डर है, न तो मुख्य विकास अधिकारी का कोई भय है और न ही जिले के तेज तर्राट जिलाधिकारी का ही कोई भय दिख रहा है। इतना ही नहीं जनसुनवाई पर फर्जी निस्तारण करके मुख्यमंत्री को गुमराह करने का काम भी एडीओ (पंचायत)- ऐरायां द्वारा करते हुए अपनी वाहवाही बटोरने का काम करते नजर आ रहे हैं। हांलाकि इस संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा पुनः जिलाधिकारी से शिकायत की गयी है।

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