आजकल सेलिब्रिटीज और मार्केटिंग इन्फ्लुएन्सर का जमाना है। वो जो कह दें वो ‘अमर वाक्य’, वो जो करें वो फैशन स्टेटमेंट। ब्यूटी के मामले में आपके चेहरे के लिए क्या परफेक्ट है? एक ऐसा सवाल जिसका जवाब हर महिला ढूंढती है। महिलाओं पर खूबसूरत दिखने का इतना प्रेशर रहता है कि इसके लिए वो किसी भी हद तक जा सकती हैं।
चाहे चेहरे पर कितना ही दर्दनाक ब्यूटी ट्रीटमेंट झेलना हो या अपने ही पीरियड्स ब्लड का लेप घंटों चेहरे पर लगाकर खूबसूरती के लौटने का इंतजार करना पड़े। खूबसूरत और जवां दिखने के फितूर में डूबी महिलाएं कुछ भी कर गुजरती हैं।
इसी तरह का एक ब्यूटी ट्रीटमेंट वैम्पायर फेशियल भी महिलाओं के बीच पॉपुलर होने लगा है। पिछले कुछ वर्षों से खूबसूरती की दुनिया में इस नए ब्यूटी ट्रीटमेंट की चर्चा है। जिसे प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (PRP) यानी माइक्रोनीडलिंग या वैम्पायर फेशियल कहते हैं।
पीरियड्स ब्लड के मास्क का हैशटैग करने लगा ट्रेंड
कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया पर एक और अजीबोगरीब हैशटैग #MenstrualMasking ट्रेंड कर रहा था, जिसके चलते महिलाएं पीरियड्स ब्लड को चेहरे पर मास्क की तरह लगाते हुए नजर आईं। इन महिलाओं का दावा था कि पीरियड्स ब्लड चेहरे पर लगाने से स्किन का ग्लो बढ़ जाता है।
सेंट्रल अमेरिका और फिलीपींस की ब्लॉगर ने किया सपोर्ट
सेंट्रल अमेरिका के कोस्टारिका की सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर डाया डेरया ने हैशटैग #MenstrualMask का सपोर्ट किया। उनका मानना है कि चेहरे पर पीरियड्स ब्लड का इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं, क्योंकि इसी पीरियड्स ब्लड के बीच ही तो मां के पेट में बेबी रहता है। इसमें स्टेम सेल्स समेत कई पोषक तत्व होते हैं, जो स्किन के लिए फायदेमंद हैं। डेरया का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और उनके टिकटॉक वीडियो को हजारों व्यूज भी मिले।
फिलीपींस की सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर जिनटोंग बथाला ने इंस्टाग्राम पर चेहरे पर पीरियड्स ब्लड लगाकर फोटो शेयर की और इसे सही भी बताया। उन्होंने अपनी फोटो के साथ कैप्शन लिखा- ‘स्किन केयर, वोम्ब केयर, वुमन केयर, Ancestral Care’
पीरियड्स ब्लड चेहरे पर लगाना कितना सही, कितना सेफ
कॉस्मेटिक प्लास्टिक सर्जन डॉ. पराग तेलंग कहते हैं, पीरियड्स का ब्लड चेहरे पर लगाना हानिकारक हो सकता है। इससे स्किन को कोई फायदा नहीं होता, बल्कि स्किन इससे डैमेज हो सकती है और स्किन पोर्स में इंफेक्शन हो सकता है।
ये प्रोसेस साइंटिफिक नहीं है, सोशल मीडिया पर ये ट्रेंड वायरल हुआ, जिससे कई लोग मिसगाइड हुए हैं। मेंस्ट्रुअल ब्लड हाइजीनिक नहीं होता और इसमें कोई रीजेनरेटिव सेल्स नहीं होते। इसमें स्किन लाइनिंग के शेड्स होते हैं, डेड सेल्स होते हैं, जो स्किन के लिए फायदेमंद नहीं होते।
वैम्पायर फेशियल के लिए क्लीन ब्लड का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में क्लीन ब्लड को स्किन में इंजेक्ट किया जाता है। स्किन पर ऊपर से ब्लड लगा लेने से फायदा नहीं मिलता।
किम कार्दशियन की वैम्पायर फेशियल वाली सेल्फी 2013 में वायरल हुई
अमेरिकी मॉडल किम कार्दशियन की 2013 की एक सेल्फी वायरल हुई जो उन्होंने वैम्पायर फेशियल के बाद ली थी। 10 साल से वैम्पायर फेशियल की पॉपुलैरिटी में कोई कमी नहीं आई है।
कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सीमा मलिक ये मानती हैं कि वैम्पायर फेशियल से चेहरे का कोलेजन लेवल बढ़ता है, जिससे त्वचा में कसाव आता है कॉम्प्लेक्शन बेहतर होता है, उम्र की वजह से होने वाला हाइपर पिग्मेंटेशन सुधरता है और स्किन टाइट और यंग नजर आती है। यहां तक कि पिंपल्स के दाग भी साफ हो जाते हैं।
दर्दनाक तरीके की वजह से नाम पड़ा वैम्पायर फेशियल
वैम्पायर फेशियल को समझने के लिए माइक्रोनीडलिंग की प्रकिया को समझना जरूरी है। इस प्रक्रिया में स्किन में बहुत बारीक नीडल्स की मदद से ‘माइक्रो इंजरीज’ की जाती हैं। सुनने में भले ही यह बेहद दर्दनाक लगता हो, लेकिन स्किन में इससे जो छोटी-छोटी बारीक चोटें की जाती हैं, यही स्किन को फायदा पहुंचाती हैं।
असल में, इन चोटों से शरीर के घाव के भरने की प्रकिया में तेजी आती है। जिसकी वजह से नए कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ता है और यही अच्छी खूबसूरत त्वचा का कारण बनता है।
वैम्पायर फेशियल है चेहरे की स्किन का कोलेजन लेवल बढ़ाना
वैम्पायर फेशियल में फेशियल स्किन को पंक्चर किया जाता है। इसके बाद आपकी बांह से ब्लड निकाला जाता है।
इसे प्रोसेस करके मेडिकल ट्रीटमेंट द्वारा प्लाज्मा और प्लेटलेट्स को अलग किया जाता है। अब इस ब्लड में नए सेल्स ग्रो करने की क्षमता होती है। ये ब्लड प्लेटलेट्स वापस फेशियल स्किन में डाले जाते हैं। यही प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा ही PRP ट्रीटमेंट कहलाता है। ये PRP माइक्रोनीडलिंग के जरिए त्वचा पर बने माइक्रो घाव के ऊपरी सतह पर लगाए जाते हैं, ताकि कोलेजन की प्रकिया तेज हो जाए। इस वैम्पायर फेशियल उर्फ PRP माइक्रो नीडलिंग ट्रीटमेंट से कोलेजन प्रोडक्शन बढ़ने लगता है और स्किन यंग और चमकदार बन जाती है, चेहरे के दाग-धब्बों से मुक्ति मिलती है और हाइपर पिग्मेंटेशन हल्के पड़ जाते हैं। त्वचा में कसाव आता है।
वैम्पायर फेशियल के बाद 1 हफ्ते में ठीक होता है चेहरा
चेहरे की त्वचा को सामान्य होने में एक हफ्ता लगता है। जिसके बाद स्किन चमकदार हो जाती है, चहरे पर नमी और ताजगी दिखती है, लेकिन ये नतीजे रातोंरात नहीं होते। ट्रीटमेंट के तुरंत के बाद चेहरा ज्यादा लाल दिखता है। धीरे धीरे थोड़ा वक्त गुजरने के बाद स्किन पर गुलाबी निखार आ जाता है। चेहरे पर कसाव महसूस होता है और अगले दिन तक चेहरा नॉर्मल दिखने लगता है।
कितनी बड़ी नीडल्स और कितना प्रेशर, इस पर डिपेंड करती है रिकवरी
कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सीमा मलिक कहती हैं कि कुछ दिनों तक चेहरे पर लाली दिखती है, लेकिन जल्दी ठीक हो जाती है।
त्वचा के घाव भरने में कितना समय लगता है, इस सवाल पर डॉ. सीमा कहती हैं कि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके ट्रीटमेंट में इस्तेमाल हुई नीडल्स की लंबाई और प्रेशर कितना था। अगर स्किन को रिपेयरिंग की ज्यादा जरूरत है और उसके लिए लंबी नीडल्स और ज्यादा प्रेशर का इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसे में स्किन को नॉर्मल कंडीशन में आने में 5 से 7 दिन का समय लग सकता है। स्पष्ट कहा जाए तो इस ट्रीटमेंट के बाद चेहरे को नॉर्मल स्थिति में आने में एक हफ्ते का टाइम लग जाता है।
6 महीने से 1 साल तक टिकता है वैम्पायर फेशियल का असर
वैम्पायर फेशियल चेहरे पर कितने दिन टिकेगा, इस पर डॉ. पराग तेलंग कहते हैं कि इसे क्विक फिक्स ब्यूटी ट्रीटमेंट की तरह न लें। कोलेजन स्टुमिलेट होता है, उसकी रीमॉडलिंग होती है, जिसे अपने असली रूप में आने में 6 महीने से 1 साल का समय लगता है। सच्चाई ये है कि आप अपनी बॉडी को नेचुरल एजिंग की प्रक्रिया से दूर रखना चाहते हैं और इसके लिए वक्त लगता है।
उम्र कम है तो वैम्पायर फेशियल की कम सिटिंग
30 के आसपास उम्र है और फेस पर पिंपल्स के निशान नहीं है तो साल में एक बार वैम्पायर फेशियल काफी है। अगर चहरे पर पिंपल्स के गहरे निशान हैं तो हर महीने एक सिटिंग तीन महीने तक जरूरी होती। डॉ. पराग कहते हैं कि ये एक ऐसा ट्रीटमेंट है जो महिला की स्किन को देखकर ही तय किया जा सकता है।
वैम्पायर फेशियल के बाद 48 से 72 घंटे की सावधानी बहुत जरूरी
डॉ. सीमा कहती हैं कि माइक्रोनीडलिंग ट्रीटमेंट के बाद एक तरह से स्किन खुल जाती है इसलिए चेहरे पर 48 से 72 घंटों तक कुछ न लगाएं और धूप में न निकलें। बाहर निकलते हैं तो सनस्क्रीन लगाएं। तेज खुशबू वाली कोई भी मॉइश्चराइजिंग क्रीम न लगाएं, स्किन पर मेकअप न करें, स्किन ड्राई महसूस होने पर वैसलीन की पतली लेयर लगा सकते हैं।
वैम्पायर फेशियल में 7-9 हजार रुपए तक खर्च
कॉस्मेटिक सर्जन के अनुसार वैम्पायर फेशियल सस्ता नहीं है। यह भी ध्यान में रखें कि ब्यूटी ट्रीटमेंट में मोलभाव करना सही नहीं है। जब शरीर के एक हिस्से से ब्लड निकालकर दूसरी जगह इंजेक्ट कर रहे हैं।
ध्यान रखें कि ये ट्रीटमेंट किसी एक्सपर्ट कॉस्मैटोलॉजिस्ट की निगरानी में ही लिया जाए। अगर आपको सूई लगाने से डर लगता है तो वैम्पायर फेशियल आपके लिए नहीं है। इसमें करीब 10 हजार रुपए का खर्च आता है।
झुर्रियां हटाने के लिए वैम्पायर फेशियल हो रहा पॉपुलर
डॉ. पराग कहते हैं कि ब्यूटी इंडस्ट्री में वैम्पायर फेशियल काफी पॉपुलर हो रहा है। महिलाएं बढ़ती उम्र में यंग दिखने के लिए ये फेशियल करवाती हैं। उनके पास लोग रेगुलर बेसिस पर यह ट्रीटमेंट लेने आते हैं। फेशियल ही नहीं, हेयर लॉस से बचने के लिए भी इस टेकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
लोग अब अपने लुक्स और स्किन पर बहुत ध्यान देने लगे हैं। महिलाएं ही नहीं पुरुष भी वैम्पायर फेशियल कर अपनी उम्र से ज्यादा यंग दिखना चाहते हैं। इस टेकनीक को PRP यानी प्लेटलेट रिच प्लाज्मा और GFC यानी ग्रोथ फैक्टर कंसन्ट्रेट कहते हैं।