मां ने सर्दी में नहाने को कहा, बच्चे ने बुलाई पुलिस

 

 

उत्तरप्रदेश के हापुड़ में एक 9 साल के बच्चे ने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस बुला ली। घर पहुंचने पर पुलिस को पता चला कि बच्चे की मां ठंड में उसे बार-बार नहाने को बोल रही थी। बच्चे ने बताया कि पहले मम्मी-पापा ने मेरे स्टाइल में बाल नहीं काटने दिए, फिर नहाने का प्रेशर दे रहे हैं।

आपके आसपास कोई न कोई ऐसा होगा जो ठंड में नहाना पसंद नहीं करता। कुछ लोग सर्दी हो या गर्मी, हर मौसम में ठंडे पानी से नहाते हैं। मैं मुंबई में रहने वाले अपने कुछ रिश्तेदारों को भी जानती हूं, वह हर मौसम में गुनगुने पानी से ही नहाते हैं।

 सवाल: नहाने के फायदे क्या है?
जवाब: नहाने को साइंटिस्ट हाइड्रोथेरेपी या क्रयोथेरेपी कहते हैं। इसके फायदे इन पाइंट्स से समझें…

  • नहाना मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए एक थेरेपी है। इससे स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होती है।
  • नहाने से हमारे शरीर को बॉडी टेम्प्रेचर रेगुलेट करने में मदद मिलती है।
  • नहाने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है और जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है।
  • नहाना एक ब्रीथिंग एक्सरसाइज भी है, इससे लंग्स की भी एक्सरसाइज होती है।
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, लेबर पेन, पीरियड क्रैमप्स, पाइल्स और फिशर, के दर्द में भी नहाने से आराम मिलता है।

सवाल: क्या सीधे सिर पर पानी डालकर नहाना सही है?
जवाब: नहीं यह तरीका सही नहीं। दरअसल ब्लड सर्कुलेशन ऊपर से नीचे यानी सिर से पैर की तरफ होता है। अगर आप सीधे सिर पर ठंडा पानी डालते हैं तो मस्तिष्क की महीन नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। सिर ठंडा होने लगता है, ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। ऐसे में हार्ट अटैक या दिमाग की नस फटने का खतरा रहता है।

सवाल: ऐसा क्यों कहा जाता है कि नहाते वक्त पैरों के बाद गर्दन पर पानी डालना सही होता है?
जवाब: गर्दन पर पानी डालने से स्ट्रेस लेवल कम होता है। नर्वस सिस्टम एक्टिव तौर से काम करता है।

सवाल: कुछ लोगों की शिकायत यह थी कि सर्दी में उनके साबुन भी सख्त हो जाते है, नहाते वक्त खरोंच आ जाती है, किस तरह के साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए?
जवाब: मौसम चाहे जो भी हो। सही साबुन का इस्तेमाल हमेशा अपनी स्किन को ध्यान में रखकर करना चाहिए। कभी भी एडवर्टाइजमेंट देखकर या फिर सुपरमार्केट शेल्फ पर रखे ब्रैंड को देखकर साबुन न खरीदें। याद रखें कि अगर आपके नहाने के साबुन में बहुत ज्यादा झाग बन रहा है, मतलब वो सेफ नहीं है। उसमें केमिकल मिला हुआ है। ये आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाएगा। नेचुरल ऑयल को कम करेगा। नहाने के बाद आप अगर अच्छी क्वालिटी का मॉइस्चराइजर भी यूज करेंगे तब भी आपकी स्किन ड्राई रहेगी। इसलिए साबुन की क्वालिटी से समझौता न करें।

सवाल: कुछ लोग गर्म पानी से पूरे साल नहाते हैं, क्या यह गलत है?
जवाब: बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं…

  • स्किन जल सकती है। नेचुरल ऑयल खत्म होने लगता है, जिससे एलर्जी और इन्फेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। झुर्रियां पड़ सकती है।
  • ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बॉडी फ्रेश नहीं होती, डिप्रेशन का खतरा होता है।
  • गर्म पानी से नहाने से आंखों की नमी भी कम हो जाती है। आंखों में लालपन, खुजली और बार-बार पानी आने की समस्याएं होने लगती हैं। आंखों के आसपास मौजूद स्किन पर झुर्रियां भी आने लगती हैं।
  • ज्यादा देर तक गर्म पानी से नहाने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। उनका स्पर्म काउंट कम होता है। जिन लोगों को फर्टिलिटी से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है, उन्हें गर्म पानी से बिल्कुल नहीं नहाना चाहिए।
  • गर्म पानी बालों को नुकसान पहुंचाता है। गर्म पानी स्कैल्प को रुखा बनाता है। जड़ों को नुकसान पहुंचता है और बाल झड़ने लगते हैं।

सवाल: मेरी दादी अक्सर कहती थी कि खाने के फौरन बाद नहीं नहाना चाहिए। थोड़ा इंतजार कर नहाना सही है, ऐसा क्यों ?
जवाब: आयुर्वेद डॉक्टर रेखा राधामोनी के मुताबिक नहाने से हमारी बॉडी ठंडी हो जाती है। खाने के बाद नहाने से ब्लड सर्कुलेशन स्लो हो जाता है, जिससे पाचन अग्नि धीमी हो जाती है। पाचन के लिए बॉडी को बहुत ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है। खाने के बाद नहाना गलत माना जाता है। इससे पेट गड़बड़, पचने में प्रॉब्लम, एसिडिटी, कब्ज की प्रॉब्लम बढ़ जाती है। नहाने का सही समय खाने के एक से तीन घंटे पहले का है।

सवाल: नहाने से पहले तेल लगाना चाहिए या नहाने के बाद?
जवाब: ठंड के मौसम में नहाने से पहले और नहाने के बाद दोनों ही समय तेल लगाने से फायदा होगा। पर आयुर्वेद के अनुसार अगर आप तेल की मालिश करना चाहते हैं तब ऐसा नहाने से पहले करना चाहिए। इससे बॉडी में गर्माहट आ जाती है।

नहाने से पहले तेल लगाने से मिलेंगे ये 4 फायदे

  • एक घंटे पहले तेल लगाने से तेल शरीर में अच्छी तरह से मिल जाएगा।
  • पोर्स यानी रोमछिद्र ठीक रहेंगे और त्वचा में नमी बनी रहेगी।
  • ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाएगा, टेंशन और डिप्रेशन नहीं होगा।
  • मांसपेशियां ठीक रहेगी, हडि्डयां मजबूत और सिर के बालों को फायदा होगा।

नहाने के बाद बॉडी को मॉइश्चराइज करना जरूरी है। इसके लिए आज के समय में लोग क्रीम, लोशन और मॉइश्चराइजर लगाते हैं। यह भी न भूलें कि मॉइश्चराइजर और लोशन में केमिकल होते हैं। इससे स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम हो सकती है। तेल लगाना सेफ है। नहाने के बाद सरसों का तेल न लगाएं, इससे स्किन पर धूल-मिट्टी चिपकेगी और रोमछिद्र बंद हो जाएंगे।

नहाने के बाद तेल लगाना चाहते हैं, तो यूज करें ये 4 ऑयल

  • बादाम का तेल
  • नारियल तेल
  • शिया बटर
  • जैतून का तेल

सवाल: नहाने के बाद चमड़ी क्यों सिकुड़ जाती है?
जवाब: इसके तीन कारण को समझें…

1. अमरीकी वैज्ञानिक मार्क चांगिजी कहते हैं कि हमारा शरीर, बदले हुए माहौल के हिसाब से खुद को ढालता है। पानी में चमड़ी का सिकुड़ना भी वही है, ताकि हम किसी चीज को सही ढंग से पकड़ सकें।2011 में मार्क ने इस बारे में यह भी एक्सपीरियंस किया कि बंदरों की स्किन भी पानी में जाने के बाद सिकुड़ती है।

इसकी वजह सरल तरीके से समझते हैं…हमारी स्किन पर पड़ी झुर्रियां, छोटी-छोटी नालियों की तरह है। यह बॉडी पर पड़ने वाले पानी को बहा देती हैं।

2. जब आप देर तक पानी में नहाते हैं, स्किन में मौजूद सीबम ऑयल घुल जाता है। इस वजह से पानी स्किन के अंदर जाता है। ज्यादा पानी की वजह से स्किन सिकुड़ने लगती है।

3. स्किन केरिटीन से बनी होती है। शरीर की स्किन की तुलना में हाथ-पैर की स्किन पर यह ज्यादा इफेक्टफुल होता है। इसलिए ज्यादा देर तक पानी में स्किन रहे तो वो सिकुड़ने लगती है।

गुनगुने पानी से नहाने के फायदे जान लें

  • हल्के गर्म पानी से नहाने से हार्ट रेट तेज होती है। इससे हार्ट मसल्स की एक्सरसाइज होती है।
  • साइनस में आराम मिलता है। छाती पर स्टीम के प्रेशर से लंग्स की सांस लेने की क्षमता बढ़ती है।
  • मसल्स, जॉइंट्स और हड्डियों की मसाज होती है और शरीर में ब्लड फ्लो आसान होता है।
  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन, कोल्ड और फ्लू से राहत मिलती है और इम्युनिटी बढ़ती है।
  • ब्रेन और नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है। स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होती है और थकान दूर होती है।

चलते – चलते

नहाने के तरीके से जुड़े कुछ फैक्ट को पढ़ें

  • भारत में सुबह 4 बजे यानी ब्रह्म मुहूर्त में नहाने का काफी महत्व है। माना जाता है कि सूर्योदय से पहले ठंडे पानी से नहाने से निगेटिव एनर्जी दूर होती है और शरीर स्वस्थ होता है।
  • भारत में रनिंग वाटर यानी चलते पानी से नहाने को टब बाथ लेने से बेहतर माना जाता है।
  • 1891 में लन्दन में लॉ की पढा़ई कर रहे महात्मा गांधी ने ‘वेजीटेरियन सोसाइटी’ नाम के जर्नल में भारतीयों के बकेट बाथ को समझाते हुए लिखा है कि मैं एक बड़े वाटर वेसल में पानी भरता हूं और एक गॉब्लेट (मग) की मदद से अपने शरीर पर पानी डालता हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरा मानना है की अगर मैं टब में भरे पानी में बैठूंगा तो पानी दूषित हो जाएगा।
  • 1931 में कुछ गिने-चुने भारतीय घरों में शाॅवर लग चुके थे।
  • 1992 तक मिडिल क्लास घरों के बाथरूम में शाॅवर लगा होना मॉडर्निटी की पहचान थी। सिर्फ हाई प्रोफाइल लोग ही नहाने के इस कॉन्सेप्ट को समझते थे। मिडिल क्लास लोगों के लिए ये पानी की बर्बादी थी।
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