गांव में फैल रहा है संक्रमण, 37 विद्यार्थियों सहित 49 लोगों को चिकनपॉक्स, शनिवार तक प्राथमिक शाला को किया बंद

 

 

गुरूर ब्लॉक के ग्राम चंदनबिरही में दो दिन में ही चिकनपॉक्स की चपेट में 49 लोग आ चुके हैं। जिसमें कक्षा पहली से पांचवीं तक के 37 बच्चे व 12 ग्रामीण शामिल हैं। आंकड़े बढ़ने का अनुमान है।

सुरक्षा के लिहाज से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्राथमिक शाला को शनिवार तक बंद करने का निर्णय लिया गया है। रविवार को शासकीय अवकाश रहेगा। इसलिए सोमवार को स्कूल खुलने का अनुमान है।

हालांकि अगर स्थिति सामान्य नहीं होगी तो आगे भी स्कूल को बंद रखने का निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्णय लिया गया है कि सामान्य स्थिति होने तक अस्थाई कैंप लगाया जाएगा। चिकनपॉक्स फैलने की जानकारी मिलने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्राइमरी स्कूल पहुंचे ।

स्वास्थ्य संबंधित जरूरी टिप्स दी गई है। गुरूर बीएमओ डॉ. जीएल रावटे ने बताया कि सब मिलाकर 35 से ज्यादा लोग चिकनपॉक्स की चपेट में आ चुके हैं। यह एक तरह का वायरल संक्रमण ही है। जो एक-दूसरे में फैलता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम की ड्यूटी गांव में लगाई गई है।

जनवरी से मार्च तक मिलते हैं चिकनपॉक्स के केस

विभाग के अनुसार अमूमन जनवरी से मार्च तक चिकनपॉक्स के केस मिलते ही है। किसी गांव में एक तो किसी गांव में 10 से ज्यादा लोग इसके चपेट में आते है।

चिकनपॉक्स यानी छोटी माता का प्रकोप होने की वजह से कई गांव में होली पर्व भी नहीं मनाते। बघमरा, अरमरीकला, सोरर, कनेरी, ठेकवाडीह, खर्रा, पुरूर, रमतरा, छेड़िया सहित कई गांवों में चिकनपॉक्स के केस मिले थे।

ग्रामीण क्षेत्र में चिकनपाॅक्स को छोटी माता के नाम से जानते हैं। सीएमएचओ डॉ. जेएल उइके ने बताया कि जनवरी से मार्च के बीच छोटे बच्चे ही ज्यादा प्रभावित होते है।

वायरल इंफेक्शन की वजह से यह स्थिति बनती है। यह गंभीर नहीं है फिर भी सावधानी बरतें। जिला प्रशासन से अनुमति लेकर शनिवार तक छुट्‌टी करवाने का निर्णय लिया गया है।

जानिए, क्या है चिकनपॉक्स

आईएमए अध्यक्ष डॉ. प्रदीप जैन ने बताया कि यह एयरबोर्न या कहे कि हवा के माध्यम से वायरस से फैलने वाली बीमारी है। इससे शरीर में दाना-दाना, फोड़े जैसे हो जाता है, जो दर्द करता है।

यह खतरनाक संक्रामक बीमारियों में से एक है। चिकनपॉक्स एक संक्रामक रोग है यानी वायरल संक्रमण है, जो हर्पीस वेरीसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होता है।

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